सेल्स चोरी वाला माल सुरक्षित आता-जाता हैं लग्जरी बसों से

फजलगंज यात्री के साथ ट्रान्सपोर्ट जोन भी बनने में कामयाब


   ०  गोदामों और हातो में उतरता व लोड होता है यह माल

के० एस० टी०,कानपुर नगर। निजी बस यात्री सेवा जोन बना फजल गंज थाना क्षेत्र का यह जोन समानान्तर ट्रान्सपोर्ट नगर सेवा भी बन चुका है। जिससे शहर में जब से लग्जरी बसों से ट्रान्सपोर्ट सेवा शुरू हुई हैं। तब से ट्रान्सपोर्ट नगर के कारोबार को दीमक सी लग गई है। छोटे ट्रान्सपोर्टर तो आज इतने अधिक कर्ज गीर हो चुके हैं कि वह यह यही न तय कर पा रहे है।

इस कारोबार की नित गई बंदी को झेले या पलायन करें। पलायन करे भी तो किस करोबार में इतना पैसा भी नहीं है कि बड़े स्तर पर दूसरे कारोबार में लगाया जा सके। जबकि निजी टूरिस्ट बस सेवा का कारोबार नित नई बुलंदियों को छू रहा है। सूत्र बताते हैं कि क्योंकि लग्जरी बस के कुछ संचालक नम्बर एक या नम्बर दो के माल को नहीं देखते उनको सीधे बुकिंग व पैसे से मतलब होता है।

वे भली-भांति जानते हैं कि जब सेल्स टैक्स संभागीय परिवहन कार्यालय ट्रैफिक में देश भर के तमाम राज्यों में उनकी सेटिंग-गेटिंग है तो उसका फायदा क्यों नहीं उठाया जाये। इसी में एक कारोबारी ने तो कारोबार की खातिर बाकायदा भगवा रंग में अपने व स्टाफ को रंग ही डाला है। बात-बात में प्रधानमंत्री मोदी का गुणगाना उसका तकिया कलाम बन चुका है।

जिसकी वजह से स्थानीय थाना उसकी रौब में रहता है। बताया जाता है कि होजरी का बड़ा कारोबार शहर में फैला हुआ है। जिसमें एक से एक महंगी वैराइटिया शहर में फैला हुआ। जिसमें एक से एक महंगी वैराइटिया पहले ट्रेन व ट्रकों से बुक कराकर इसके कारोबारी दिल्ली व कलकत्ता से माल मंगवाते भी थे और यहां का माल दूसरे शहरों के लिए सप्लाई भी कराते थे.

जिसमें नम्बर एक कि वैराइटियो में राजस्व (सेलटैक्स) चोरी का बड़ा खेल रेलवे के दलालों के माध्यम से होता था। हालांकि रेल सेवा में नम्बर दो का माल स्टेशनों पर ही उतरता था। उसमें सेल्स-टैक्स के छापे कर बड़ा डर बना रहता था। इसी तरह कत्था, सुपारी, पान मसाला, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का भी रहता था।

जिसमें दलाल सेल्स-टैक्स की चोरी जरूर करवाते थे। किन्तु उन्हें छापे का बड़ा डर बना रहता था। कई-कई बार माल पकड़ भी गया। जिसमें दलाल व व्यापारी को काफी चपत भी लगी किन्तु जब से लग्जरी बसों ने इस तरह का माल सीधे सुरक्षित गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने का ठेका ले लिया। तब से दलालों तो कुछ पार्टियों ने दलालों को नजर दांज कर सीधे.

ऐसे बस संचालकों से सम्पर्क साध लिया जिन्होंने नंबर दो में माल सुरक्षित उसके पास पहुंचाने का ठेका लेना शुरू कर दिया। जिसमें खेव की खेव सुरक्षित माल का आवागामन भी होने लगा। इससे व्यापारी संतुष्ट भी रहने लगा। अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि इस तरह के कारोबार के लिए बस संचालकों ने फजलगंज थाना क्षेत्र में ही फैक्ट्री कम्पाउंडों,

दर्शनपुरवा के हातो में बाकायदा अपने गोदाम भी बनाये हैं। इसके साथ ही पनकी व सुनसान जगहों पर भी गोदाम बनाये हैं। ऐसी सूरत में सेल्स-टैक्स की चोरी वाला माल कहां उतरना है? कहां लोड होना है? मामला लीक न हो इसके लिए वाहन से माल बदलने का खेल भी इन्हें गोदामों से होता हैं।

हालांकि इस सारे खेल में कुछ वर्दीधारियों का सरपरश्ती रहती है। जिनकी अपने थाना क्षेत्र में ठीक-ठाक पकड़ हो।

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