कटरी की तर्ज पर जब भू-माफिया राकेश गर्ग लोगों को लूट लेगा तब चेतेगा जिला प्रशासन!

◆ दलित गरीब किसान व प्राचीन तालाब तौधकपुर में कब्जे का मामला

◆ भू-माफिया की चाहर दीवारी गेट लगवाने के बाद शांत बैठ गई बिधनू पुलिस

◆ निर्माण होने के दौरान रोज गरीब दलित किसान को न्याय दिलाने के लिए चौकी बुलाते रहे वर्दीधारी


के० एस० टी०,कानपुर नगर। सरकारी विभाग जब सिर के ऊपर से पानी आ जाता है तभी चेतते है। कटरी के भू-माफियाओं के मामले में भी ऐसा ही हुआ। कटरी में ही नहीं भू-माफियाओं का संजाल पूरे कानपुर में इतना है कि अगर सही मायनो से उनसे कानपुर विकास प्राधिकरण व नगर निगम अन्य सम्बंधित विभाग अपनी ही जमीने छुड़ा ले तो मालामाल हो जाये.

किन्तु भ्रष्टों के चलते सरकारी जमीने क्या भू-माफियाओं के इतने हौसले बुलंद हो गये हैं कि वे सरकारी जमीनों के साथ-साथ गरीब दलितों की गुंडई के दम पर जमीन कब्जाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। इसी तरह शहर के जाने-माने भू-माफिया पोखरपुर थाना चकेरी निवासी राकेश गर्ग व उसके भतीजे सिद्धार्थ जाखेरिया का जमीन कब्जा कर.

प्लाटिंग करके विक्रय करने का खेल आजकल बिधनू थाना क्षेत्र के तौधकपुर में धड़ल्ले से चल रहा है। जहां पर दोनों चाचा व भतीजे ने प्राचीन तालाब पर तो कब्जा किया ही किया बल्कि अपनी परिधि में आने वाली 128 आराजी में गरीब दलित किसान अर्जुन सोनकर की जमीन पर कब्जा कर लिया।

अब बेचारा गरीब दलित अर्जुन सोनकर कमिश्नर, जिलाधिकारी, एस० एस० सी० व आई० जी० के यहां शिकायती पत्र लेकर दौड़ा-दौड़ा फिर रहा है किन्तु कही से भी उसे कोई भी राहत नही मिल पा रही है। उल्टा चौकी व थाना अथवा उच्चअधिकारियों के यहां से आने वाले शिकायती पत्र के जवाब में भू-माफिया राकेश गर्ग व सिद्धार्थ की भाषा ही बोलते नजर आ रहे हैं।

चौकाने वाली बात यह है कि उच्चाधिकारी अभी भू-माफिया के खिलाफ शिकायत आने पर भी किसी भी तरह की गरीब-दलित अर्जुन सोनकर को राहत देने की कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। यह कार्यवाही क्या गंगा कटरी की तरह तब होगी जब भू-माफिया प्लाटिंग करके तालाब गरीब दलित किसान की जमीन किसी दूसरे को बेच देगा।

शहर में तैनात अधिकारियों के पुलिस को विशेष इंस्ट्रेक्शन है कि जमीन जायदाद के मामले कोर्ट में ही निपटे किन्तु कहीं न कहीं भू-माफियाओं के साथ खाकी की संलिप्तता के बगैर भू-माफिया सफल ही नहीं हो सकता है। अब तौधकपुर में गरीब-दलित की आराजी संख्या 128 की जमीन पर कब्जे का मामला हो या प्राचीन तालाब में कब्जे का मामला हो बेचारा गरीब किसान.

अर्जुन सोनकर चौकी कुरिया व थाना बिधनू जाता है और शिकायती पत्र देता है कि पोखरपुर निवासी राकेश गर्ग व सिद्धार्थ जाखेरिया ने दल बल के साथ आकर उसकी चारदीवारी व नीव जे० सी० बी० से क्षतिग्रस्त करा रहा है। चौकी में कहा गया कि रुक जाओ कुछ करता हूं। कहकर प्लाट सपाट कराकर भू-माफिया को चाहर दीवारी कराने का मौका देने के लिए भू-माफिया व गरीब दलित किसान को.

आपसी सहमति बनाने के लिए समय देती रही। उधर भू-माफिया से चाहर दीवारी युद्ध स्तर पर बनवाने का कार्य भी करती रही। इस बीच गरीब दलित किसान को भू-माफिया ने जाति सूचक गालियां देकर परिवार को मारने की धमकी तक दे डाली किन्तु पुलिस के पास भू-माफिया के लिए कोई धारा ही नहीं थी। हास्याप्रद बात यह कि.

जिलाधिकारी के पूछने पर जांच अधिकारी दरोगा एस० ओ० कहते हैं कि सारे आरोप निराधार है। कार्यवाही की जरूरत ही नहीं। मतलब गरीब दलित की जमीन पर कब्जा हुआ उससे सरेआम गाली गलौज और जान से मारने की धमकी मिलती रही। सैकड़ो मजदूर ठेकेदार भू-माफिया के घटनास्थल पर मौजूद रहे और पुलिस को कसूरवार दलित किसान लगता रहा।

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