आखिर भू-माफिया राकेश गर्ग कब तक गरीब दलित अर्जुन सोनकर को रुलाता रहेगा खून के आंसू

ये भी है योगी सरकार का आईना

◆  बुढ़ापे का सहारा 200 गज जमीन गुंडई से छीनी

◆ अब आदमी लगाकर दिला रहा है धमकियां

◆ उच्चाधिकारियों के पास इस गरीब- दलित के लिए कोई इंसाफ नहीं


के० एस० टी०,कानपुर नगर। आखिर चकेरी थाना क्षेत्र का पोखरपुर निवासी भू-माफिया राकेश गर्ग कितनी ऊंची रसूख वाला है। जो योगी जैसी सरकार में खरगोश की रफ्तार से सरकारी जमीनों दलित की जमीन पर खुलेआम कब्जा कर अपनी रियल स्टेट न सिर्फ खड़ी कर चुका है। बल्कि विक्रय का कार्य भी जोरदारी से है।

चौंकाने की बात यह है कि कमिश्नर, जिलाधिकारी व के० डी० ए० उपाध्यक्ष ग्राम पंचायत अधिकारियों तक को मालूम है कि रियल स्टेट में गरीब दलित किसान अर्जुन सोनकर का 200 गज का प्लाट न सिर्फ गुंडई से घतियाया गया है बल्कि प्राचीन ग्राम समाज के तालाब पर भी उक्त भू-माफिया के गुर्गों ने.

बिधनू पुलिस के संरक्षण में तौधकपुर में वांशिदों के सामने कब्जा कर लिया है। यहां अकेले बेचारे गरीब दलित अर्जुन सोनकर की गाढी़ कमाई बुढ़ापे में नहीं लूटी है बल्कि तमाम दलित परिवारों के सामने आने वाले समय में अपने झोपड़े बचाने की चिंता सत्ता रही है। किन्तु सरकारी महकमे की बात ही छोड़ो दलितों-पिछड़ो की रहनुमाई.

करने वाला कोई भी दलित रहनुमा जनप्रतिनिधि इस लड़ाई में अर्जुन सोनकर को दिलाशा देने भी नहीं आ रहा है। यह आइना है निष्पक्ष बेदाग भयमुक्त सर्व धर्म सम्भाव वाली योगी सरकार की तस्वीर यह निपक्षी दलों द्वारा योगी सरकार पर चुनाव के समय लगाया जाना वाला कोई गंभीर आरोप नही बल्कि जिसके साथ बीतती है.

वही खून के घूंट पीने को मजबूर रहता है। वाक्य इस प्रकार का है। कानपुर देहात निवासी गरीब दलित अर्जुन सोनकर ने अपने बुढ़ापे के सहारे के लिए तौधकपुर थाना बिधनू कानपुर नगर में आराजी 128 में 200 गज प्लाट की रजिस्ट्री क्षत्रिय समाज के एक किसान से 2003 में कराई। उसके बाद पैसे का बंदोबस्त कर नीवं हैंड पाइप लगवाकर चाहर दीवारी बनवाई।

उसके बाद परिवारिक विपदाओं की वजह से उसे कार्य करना पड़ा। इधर सितंबर माह में गांव के पड़ोसियों ने उसके पास सूचना भेजी की उसकी जमीन को मशीन से खुदेवाकर कब्जा कर लिया गया है। वह आया तो देखा तो सूचना सही मिली। उसने इस बाबत तत्काल बिधनू थाने में लिखित शिकायत की।

इस दौरान पुलिस दोनों पक्षों में समझौते के नाम पर गरीब दलित किसान को तब तक टहलाती रही। जब तक भू-माफिया ने चाहर दीवारी कराकर गरीब दलित किसान की जमीन पर कब्जा नहीं कर लिया। हालांकि इस बीच दलित किसान ने कमिश्नर, जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष कानपुर विकास प्राधिकरण, आई० जी०, एस० एस० पी० तक को लिखत शकायते करने में कोई चूक नही की।

उसके बावजूद कार्यवाही के नाम पर आज तक कुछ नही हुआ। अब गरीब दलित किसान अदालत के चक्कर लगा रहा है। जहां गरीब दलित किसान को राकेश गर्ग उसके भतीजे सिद्धार्थ जखोरिया व उनके आदमियों से जाती सूचक गालियों के साथ परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही है।

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