जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान को छूने लगीं

◆-  प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा नदी का जलस्तर

◆-  दर्जनों गांवों का संपर्क मार्ग डूबा, कई गांवों में घुसने लगा नदी का पानी


के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। सरयू नदी का जलस्तर गुरुवार से फिर बढ़ने लगा है। प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर अब खतरा निशान छूने को बेताब है। लहरें एक बार फिर देवारावासियों को डराने लगी हैं। सोगरा, सोनौरा, वासु का पूरा, हाजीपुर सहित आधा दर्जन गांव के संपर्क मार्ग डूबने लगे हैं।

इससे लोगों के आवागमन में काफी दिक्कत खड़ी होने लगी हैं। वहीं झगरहवा, बगहवा सहित कई गांवों में नदी का पानी घुसने लगा है। उधर कटान भी तेजी से हो रही है। बगहवा गांव का वजूद मिटने की आशंका से गांव के लोग काफी चितित हैं। सगड़ी तहसील क्षेत्र के महुला-गढ़वाल बांध के उत्तर देवारा खास राजा और गांगेपुर परसिया क्षेत्र के.

अंतर्गत आने वाले दर्जनों किसानों की खेती योग्य जमीन नदी की धारा की भेंट चढ़ गई है। बगहवा में अब तक कई लोगों के मकान कट कर नदी में समा चुके हैं। अभी मकानों के कटने का सिलसिला जारी है। गांव के रामशरण और रामप्यारे ने बताया कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने नुकसान का आकलन किया,

लेकिन अब तक एक फूटी चवन्नी भी किसानों को प्राप्त नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि 15 दिन पहले कटान थोड़ी थमने लगी थी, लेकिन किसानों की बर्बाद होती फसलों को बचाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई उपाय नहीं किया गया। किसानों के खेतों में धान, गन्ना, मक्का आदि की फसलों में पानी भर गया। गांगेपुर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि.

बाद में बोया गया गन्ना कम दिनों का है जो पानी भरने से नष्ट हो गया है। सैकड़ों एकड़ धान और मक्का की फसल सड़ने की कगार पर पहुंच गई है। गुरुवार को बदरहुआ नाले पर नदी का जलस्तर रविवार को 71.24 था, जो शुक्रवार को 71.40 हो गया।

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