के० एस० टी०,नैनीताल/पिथौरागढ़ संवाददाता। आपदा के लिहाज से सबसे अधिक संवेदनशील पिथौरागढ़ नेपाल और चीन सीमा से सटा है। सामरिक दृष्टि से यहां सड़कें ही संपर्क का बड़ा माध्यम हैं। मानसून काल में सड़कों पर सबसे बड़ा संकट आया है। तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग 65 दिनों से बंद है। थल क्षेत्र की बौगाड़-फल्याटी सड़क दो माह से बंद हैं। दोनों सड़कों पर दो माह से वाहन फंसे हैं। टैक्सी चालकों की रोजी रोटी ठप पड़ी है,
बैंक से ऋण लेकर खरीदी गई टैक्सियों की किश्त तक जमा नहीं हो पा रही है। दोनों मार्गों को खोलने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। 60 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है। थल-मुनस्यारी मार्ग आए दिन मलबा आने से बंद हो रहा है। मुनस्यारी से चीन सीमा मिलम तक मार्ग बंद है। ऐसे में मुनस्यारी के उच्च हिमालयी गांवों के लिए खाद्यान्न तक की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग भी भारी बारिश होते हुए अक्सर बंद हो रहा है।
सीपीडब्ल्यूडी ,बीआरओ और पीएमजीएसवाई संचालित हैं सड़कें
जिले में दो माह से बंद सड़कों का संचालन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और सीमा सड़क संगठन के अधीन है। स्थिति यह है कि विपरीत मौसम और निचले इलाकों में भी क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते दो माह से बंद ऊंचाई वाले मार्गों को खोलने में.
तीनों विभाग फेल साबित हो रहे हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाला तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग तवाघाट के निकट नारायणपुर, कंच्योती में पुल बहने से बंद है। इसे बंद हुए पैंसठ दिन हो चुके हैं। बीआरओ न तो पुल का निर्माण कर सकी है और न ही नारायणपुर के पास सड़क दुरुस्त हो सकी है।
टैक्सी मालिकों की रोजी पर संकअ
पीएमजीएसवाइ की 2017 में निर्मित बौंगाड़-फल्याटी सड़क दो माह से बंद है। विभाग ने सेरागाड़ के पास सड़क कच्ची छोड़ दी थी जो अब परेशानी का कारण बनी हैं। सरपंच सुधीर कार्की का कहना है कि पुल की मांग भी विभाग अनसुना कर रहा है। मार्ग बंद होने से बैरा जुब्बर ,बौंगाड़, च्यूनी, बोकलकटिया, खोलागांव, तोराथल जडिय़ा गांव प्रभावित हैं। मार्ग में दो माह से दर्जन भर से अधिक वाहन फंसे हैं। वाहन चालकों की रोजी रोटी बंद हो चुकी है। गांव तक राशन आदि भी नहीं पहुंच पा रहा है।