कोरोना का सन्नाटा तोड़ेगी इस बार की चारधाम यात्रा

के० एस० टी०,उत्तरकाशी संवाददाता। इस बार चारधाम यात्रा बेहतरीन चलने की उम्मीद है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के निकट इसके शुरू संकेत अभी से दिखने लगे हैं। अभी तक उत्तरकाशी की गंगा व यमुना घाटी में तीन मई से लेकर 25 जून तक कई होटल व धर्मशालाएं पैक हो गए हैं। चारधाम व्यवसायियों को उम्मीद है कि इस बार की यात्रा आपदा और कोरोना के जख्म मिटा देगी और.

दो वर्ष के सन्नाटे को भी तोड़ देगी। इस वर्ष उत्तराखंड की चारधाम यात्रा तीन मई से शुरू होगी। तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन मां यमुनोत्री और मां गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट इस बार छह मई को खुलेंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार आठ मई को खुलेंगे। चारों धामों के कपाट खुलने के शुभ मुहूर्त भी तय हो गए हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर यहां के स्थानीय ग्रामीणों व.

व्यवसायियों की आर्थिकी यात्रा पर ही टिकी हुई है। उत्तरकाशी जनपद की बात करें तो यमुना घाटी में सात हजार ग्रामीण घोड़ा-खच्चर संचालन से जुड़े हैं। जबकि होटल व्यवसाय से बड़कोट से लेकर यमुनोत्री तक आठ हजार से अधिक ग्रामीण जुड़े हैं। इसी तरह से डंडी-कंडी संचालकों की संख्या भी तीन हजार और यमुनोत्री में तीर्थ पुरोहितों की संख्या एक हजार से अधिक है। गंगोत्री धाम से भी करीब 25 हजार परिवार जिनमें होटल.

संचालक व कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित, पूजन सामग्री विक्रेता, ट्रेवल एजेंसी संचालक हैं। लेकिन, वर्ष 2012 व वर्ष 2013 की आपदा ने चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित किया। फिर कुछ वर्ष 2017 से लेकर 2019 तक यात्रा कुछ पटरी पर लौटी। लेकिन, 2020 और 2021 में तो कोरोनाकाल ने बुरी तरह से यात्रा को चौपट किया। लेकिन, दो वर्ष के सन्नाटे के बाद इस बार उम्मीद है कि यात्रा अच्छी चलेगी।

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