पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि और गरज के साथ तेज बारिश के आसार
03 May
के० एस० टी०,देहरादून संवाददाता।पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि और गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है। वहीं मैदानी इलाकों में अंधड़ के साथ तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रदेश में मौसम के तेवर बीते तीन दिनों से कुछ नरम हैं। जिससे जंगल की आग से भी कुछ राहत मिली है। हालांकि, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में अब भी बारिश का इंतजार है।
उधर, पिथौरा गढ़ जिले में दो दिनों तक हुई बारिश के बाद सोमवार को मौसम खुशनुमा रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर काशी, चमोली, रुद्र प्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ समेत अन्य पर्वतीय स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली चमकने के साथ ओलावृष्टि और तेज बारिश के आसार हैं। मैदानी स्थानों पर करीब 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अंधड़ चल सकता है। अंधड़ को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग रमोलधार के.
पास करीब दस घंटे तक बंद रहा। हाईवे बंद होने से करीब डेढ़ सौ वाहन मार्ग में फंसे रहे। इसमें करीब पांच सौ से अधिक यात्रियों को भूखे-प्यासे रहना पड़ा। इसी स्थान पर पिछले एक माह में कई बार राजमार्ग बंद हो चुका है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और आलवदेर रोड कार्यदायी संस्था ने यह कहकर सड़क खोलने से हाथ खड़े कर दिए कि उनकी मशीनों में तेल नहीं है। तहसीलदार ने सख्त रुख अपनाते हुए मार्ग खुलवाया। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे में टिहरी के रमोलधार में आलवेदर रोड चौड़ीकरण के दौरान आठ अप्रैल से भूस्खलन प्रारंभ हुआ था।
तब से नियमित अंतराल पर मार्ग अवरुद्ध हो रहा है। रविवार तड़के चार बजे भूस्खलन होने से हाईवे अवरुद्ध हो गया था, जो सोमवार दोपहर एक बजे खोला जा सका। बीआरओ और आलवेदर रोड की कार्यदायी संस्था ने गंगोत्री राजमार्ग बंद होने के बाद भी कोई तत्परता नहीं दिखाई। तहसीलदार के मौके पर पहुंचने पर बताया गया कि मशीनों में तेल नहीं है। तहसीलदार किशन ङ्क्षसह महंत ने मार्ग खोलने के लिए सख्ती की तो उसके बाद राजमार्ग खोला जा सका। तहसीलदार किशन सिंह महंत का कहना है कि यात्रा काल में बीआरओ का यह रवैया ङ्क्षचताजनक है।