Skip to contentके० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। बिधनू के बिनगवां में गलत तरीके से दाखिल खारिज करने के मामले में लेखपाल पर भी कार्रवाई हो गई। डीएम विशाख जी ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर लेखपाल पर कार्रवाई की। डीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले रियल इस्टेट कंपनी वीएसीएल के संचालक पर कार्रवाई करते हुए भूमाफिया घोषित किया जा चुका है। वहीं विकास के दुबे के भांजे लेखपाल पर भी डीएम ने कार्रवाई कर दी है।
227 लोगों ने की थी शिकायत-: बिधनू के बिनगवां गांव में रियल इस्टेट कंपनी वीएसीएल ने अपनी तीन आराजी की जमीन पर लोगों को रजिस्ट्री की और सीलिंग की आठ आराजी की जमीन पर कब्जा करा दिया। इसमें लेखपाल सुजीत कुमार कुशवाहा ने भी कंपनी का साथ दिया था। बिनगवां में रहने वाले 277 लोगों ने इसकी शिकायत डीएम से की थी। रियल इस्टेट कंपनी के संचालक बृजेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेजा था और भूमाफिया घोषित करने की कार्रवाई की थी।
14 दाखिल-खारिज फर्जी मिले-: वीएसीएल पर कार्रवाई के बाद लेखपाल सुजीत के खिलाफ भी एसडीएम को जांच सौंपी गई थी। सुजीत ने यहां 14 दाखिल खारिज किए थे। SDM सदर अनुराज जैन की जांच रिपोर्ट में कुछ दाखिल खारिज नियम विरुद्ध पाए गए थे। एसडीएम ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने लेखपाल को दोषी पाते हुए सस्पेंड करने के आदेश दिए। आदेश के बाद घाटमपुर एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया।
विकास दुबे का भांजे पर भी कार्रवाई-: बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के कथित लेखपाल भांजे को मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप में भौसाना से हटा दिया गया है। उसे बिल्हौर तहसील में अटैच किया गया है। उसके खिलाफ जांच के आदेश डीएम ने दिए हैं। बता दें कि मंगलवार दोपहर को बिकरू की प्रधान मधु, कीरतपुर के मुकेश कुमार और भौसाना की गीता डीएम विशाख जी से मिले थे। उन्होंने कहा कि भौसाना में लेखपाल ऋषभ दुबे लंबे समय से तैनात है। वह विकास दुबे का कथित भांजा है और लगातार विकास के कामों को रोक रहा है।
दूसरे लेखपाल को दी गई तैनाती-: डीएम से प्रधानों ने शिकायत करते हुए कहा था कि लेखपाल की वजह से गांव का विकास नहीं हो रहा है। नापजोख और अवैध कब्जों की शिकायत पर फोन नहीं उठाता है। आए दिन अपमानित होने के चलते अगर लेखपाल नहीं हटे तो तीनों प्रधान इस्तीफा दे देंगे। मामले में एसडीएम बिल्हौर आकांक्षा गौतम ने बताया कि लेखपाल ऋषभ दुबे विकास दुबे को मामा कहता था। लेखपाल को बिल्हौर तहसील से अटैच कर दिया गया है। उसकी जगह पर दूसरे लेखपाल बीरबली को तैनात किया गया है।