नसीम सोलंकी ने कहा-कार्यकर्ता बुलाएंगे तो वनखंडेश्वर मंदिर फिर जाएऊंगी, प्राथमिकताओं पर कही ये बात
24 Nov
के० एस० टी०, कानपुर नगर संवाददाता।कानपुर में वनखंडेश्वर मंदिर से चर्चा में आईं पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी अब सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र की विधायक हैं। उन्हें हर बूथ से समर्थन मिला है। नसीम सोलंकी पहली बार चुनाव लड़ीं और जीतीं। सोलंकी परिवार ने यह सातवां चुनाव लड़ा और जीता है। ससुर मरहूम हाजी मुश्ताक सोलंकी, पति इरफान सोलंकी के बाद सीसामऊ की जनता ने उन्हें चुनाव में विजयश्री भेंट की। चुनाव में महिलाओं ने उनसे कहा था कि जाओ, महादेव का आशीर्वाद है, चुनाव जीतोगी। यह विजयश्री महादेव के उसी आशीर्वाद का प्रतिफल मानी जा रही है कि उनकी जीत में हिंदुओं का वोट प्रतिशत अधिक है। शनिवार को चुनाव जीतने के बाद वह अमर उजाला के कार्यालय आईं। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के अंश…..
पूरे चुनाव में सबसे मुश्किल दिन कौन-सा लगा?:-वैसे तो यह चुनौतियों वाला चुनाव रहा है, लेकिन सबसे टफ मतदान वाला दिन था। एक जगह से मतदाताओं को रोकने की खबर आती तो तभी दूसरी जगह से आती है कि कार्यकर्ता पीट दिया गया। कहीं पुलिसवाले आईडी चेक कर रहे थे। कहीं डरा कर मतदाताओं को भगा दिया जा रहा था। इसी से वोट कम पड़े। अगर सारे वोट पड़ जाते तो हमें कम से कम 25-30 हजार वोट और मिलते। बहुत से मतदाता पुलिस की सख्ती सुनकर घबरा गए। फिर आए ही नहीं।
क्या वनखंडेश्वर मंदिर फिर जाएंगी?:-बिल्कुल कार्यकर्ताओं का बुलावा आएगा तो जरूर जाएंगे। हमें कहीं आने-जाने में कोई रोक-टोक नहीं है। उस दिन भी कार्यकर्ताओं के कहने पर मंदिर गए थे। वह अपनी सीसामऊ के जनता और कार्यकर्ताओं के साथ हैं। मंदिर ही क्यों, जहां भी हमारा कार्यकर्ता बुलाएगा, जरूर जाएंगे। जहां भी लोगों की समस्याएं होंगी, उन्हें दूर करने की भरपूर कोशिश करेंगे।
अक्सर आप रो पड़ती थीं, अचानक मतदान के दिन तेवर कैसे बदले?:-जब घर से चले तो हलीम कॉलेज में मतदाताओं को रोकने की खबर आई। फहीमाबाद में एक महिला रोती मिली। इस पर गुस्सा आ गया कि अगर वोटर रोएगा तो फिर क्या होगा। फिर दो साल का तनाव बाहर आ गया। सकेरा इस्टेट में 25-30 मतदाता बाहर खड़े हुए थे। उन्हें ले जाकर बूथ तक छोड़ा तो उन लोगों ने मतदान किया।
बस्तियों में गईं, हालात देखे, किस दृश्य ने अंदर से हिला दिया?:-कानपुर टेनरी हाता गए थे। वहां की सड़क खुदी पड़ी थी। लोग बेहद तकलीफ में आ-जा रहे थे। सोचा कि सत्ता वाले क्या कर रहे हैं? मकरवाटगंज में बताया कि वहां वार्ड के जनप्रतिनिधि ने यह कहकर मनाकर दिया कि उन्हें वहां से वोट नहीं मिलता है। इसी तरह बस्तियों में बहुत गंदगी दिखी। रास्ते नहीं हैं। हालात देखकर रंज हुआ।
अब आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी?:-विकास के काम अधूरे पड़े हैं। सड़कें पास नहीं हो पा रही हैं। लखनऊ में फाइल तैयार करवाई थी, लेकिन प्रशासन टालता रहा है। अब विकास कार्यों की फिर शुरुआत करेंगे। पुराने अधूरे कामों को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही नए विकास कार्य शुरू करेंगे। बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था सभी के लिए होनी चाहिए।
आपको सबसे अधिक वोट कहां मिले?:-हमें हर जगह से वोट मिला है। हिंदू मतदाताओं का हमें अधिक वोट मिला है। मैं मतगणना केंद्र में रही हूं। यही देख रही थी कि कोई भी बूथ हमारी विधानसभा का ऐसा नहीं था जहां से हमें वोट न मिला हो। एक बूथ भी ऐसा नहीं रहा है कि जहां वोट न मिला हो। हमें पूरे विधानसभा क्षेत्र ने समर्थन दिया है। सीसामऊ के जनता के लिए हैट्स ऑफ करती हैं, उन्हें सलाम करती हूं। अपनी जनता की आभारी हूं। चाहे जितने साजिश हुई हो सोलंकी टैग को जनता ने कभी हराया नहीं।
चुनाव जीतने के बाद अजमेर जाने का आपके यहां रिवाज है, आप नहीं गईं?:-हम भी जाएंगे लेकिन विधायक जी (इरफान सोलंकी) के आने के बाद, उन्हीं के साथ अजमेर शरीफ जाएंगे। इसी से वहां जाने का प्रोग्राम होल्ड कर दिया है। वैसे आज सुबह उठकर सबसे पहले हजरत मख्दूमशाह आला की दरगाह, हजरत दादा मियां और हजरत सादिक शाह के आस्ताने पर हाजिरी लगाई। मरहूम हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ी। उनकी दुआएं लीं।