कोरोना से गरीबों के सपने टूटे रियल स्टेट संचालकों के ठहाके गूंज

 आसान किश्तों पर प्लाट लेने वालों की पांच-छह माह से नहीं जा सकी है किश्ते

 कुछ सोसाइटी वालों ने बुक जमीनों के नये कस्टमर ढूंढे

गंगा बैराज के कटनीे गांव में जूनियर अभियंता के संरक्षण में चल रहा है बड़ा खेल

के० एस० टी०,कानपुर। कानपुर स्टार टाइम का डंका अब नहीं बनेंगी कोई लंका विंन्त मंत्री निर्मला सीता रमण के रियल स्टेट के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए दिये गये विशेष पैकेज के बाद शहर में प्लाटिंग के नाम पर जगह-जगह सोसाइटियां खड़ी हो चुकी हैं। जो गरीबों को सपनो के सब्जबाग दिखाकर उनसे प्लाटिंग के नाम पर हर माह वसूली करती है। इस दौरान अगर किश्ते चढ़ गई तो जमा किया गया पैसा भी डकार लिया जाता हैं।

उसके बाद अगर किश्ते किसी तरह पूरी भी हो गई तो जमीन दिखाई कोई और जाती है। रजिस्ट्री कही किसी खेत की कि जाती है। इसी तरह का बड़ा कारोबार आजकल पयर्टन स्थल गंगा बैराज के आसपास कई सोसाइटियां सक्रीय हो चुकी हैं। जो के० डी० ए० से भी कम कीमतों पर आसान किश्तों तक में प्लाटिंग देने के दावे कर रही है। किन्तु हकीकत क्या है कोई नही जानता किन्तु इतना तो तय है कि यंहा की हर आवासीय सोसाइटी में कही न कही कटरी के प्रधान परिवार व क्षेत्र के एक सफेद पोश की सरपरश्ती जरूर है।

बहरहाल इस समय यहां पर त्रियम रियल स्टेट की अटल आवास योजना का खूब प्रचार हो रहा है। बहरहाल इस तरह की सोसाइटियां खड़ी होने से जोन एक के जोन-1 के जूनियर इंजीनियर के० के० गुप्ता व स्थानीय पुलिस की चांदी हो गई है।आपको बताते चलें कि जब से कानपुर विकास प्राधिकरण ने ट्रांस गंगा सिटी की धोषणा की थी उसी समय दूसरे छोर पर गंगा कटरी में वहां के प्रधान रामदास परिवार से सम्पर्क करके किसानों की जमीन की खरीद फरोख्त शुरू हो गई।

जिसमें सोसाइटी व रियल स्टेटों में प्रधान की कहीं न कहीं तय रही। वर्तमान समय में गंगा बैराज में किसानों की बड़ी जमीन त्रियम रियल स्टेट व आर० पी० एम० जैसी तमाम सोसाइटियों व स्टेटों के पास है। चूंकि दूसरे छोर पर अब ट्रांस गंगा सिटी का कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है। तो रियल स्टेट के लोगो मे भी नक्शे बनाकर प्लाटिंग शुरू करा दी गई है। जमीन देखने वालो को आकर्षित करने के लिए प्लाटिंग करके रंग-बिरंगे ईंटो को बिछवाने के साथ पेड़ पौधे भी पर्यावरण की दृष्टि से लगाए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि त्रियम समेत हर सोसाइटी दावे कर रही है कि गंगाबैराज से सबसे कम दूरी पर उनकी प्लाटिंग है।

जिसमें बैराज से उन्नाव की ओर जाने वाले मार्ग पर दाहिने छोर पर 11 हजार रुपये गज सड़क के किनारे व अन्दर साढ़े आठ हजार रुपये गज तक कि प्लाटिंग के दावे किये जा रहे हैं। जो ट्रांसगंगा सिटी की जमीन से काफी कम बताई जा रही है। जहां तक त्रियम व आर० पी० एम० स्टेट की बात है तो इनके पास बड़ी अच्छी जमीने कटरी के मंगलपुर तक प्लानिंग है। जिसमें आसान किश्तों व नकद जमीनें बेची जा रही हैं। जिसके लिए लोग पयर्टन स्थल के पास की जमीन पर लोग आकर्षित हो इसके लिए बकायदा एजेन्ट भी समूचे शहर में काम कर रहे है।

जिन्हें दस फीसदी का कमीशन रियल स्टेट के संचालन कर्ताओं से मिलकर है। बहरहाल इस तरह के रियल स्टेटों के माध्यम से गरीबों को आसान किश्ते पर प्लाट देने के नाम से खुली आँखों से सपने दिखाए जा रहे है। जिसमें जो मार्च से पहले इस तरह के रियल स्टेट के झांसे में आ गया। उसकी किश्ते कोरोना संक्रमण के आपात काल मे प्रतिमा नहीं जा सकी। चूंकि पाँच-छह माह की किश्ते चढ़ चुकी हैं। व्यापारी का व्यापार चल नहीं रहा है। ऐसी सूरत में वे एजेंट को लौटाने के सिवा कोई रास्ता नहीं खोज पा रहे है।

सूत्र बताते हैं कि ऐसे में कुछ रियल स्टेट गरीब की नब्ज टटोलवा कर साबित कर लेना चाहते हैं कि अगर अब वह यह जमीन किसी और को दे देता है तो आवंटित व्यक्ति के दावे का उस जमीन पर कोई अधिकार नहीं होगा। अब जमीन के रेट भी बढ़ चुके हैं अमूमन दो साल पहले जिसने कम रेट पर प्लाट लिया होगा। आज उनके हाथ से किश्ते न देने के कारण प्लाट निकल चुका है। जिसमें उनका पैसा भी फंस चुका है। जमीन फिर से नये रेटो व शर्तों के साथ रियल स्टेट संचालक दूसरे कस्टमरों को दे रहे हैं।

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