आर०आई० के कद के मुकाबले में आर०टी०ओ० में सारे पद बौने

◆ ड्राइवरिंग परीक्षा पास होने पर भी नहीं हो सकते पास अगर आर०आई० का आशीर्वाद नहीं


कानपुर, संवाददाता। आर०टी०ओ० से दलाली प्रथा खत्म करने के सारे दावे शासन- प्रशासन के खोखले ही साबित होते जा रहे हैं। जिसमें भ्रष्टाचार रोकने मे योगी सरकार की ऑनलाइन प्रक्रिया की भी काट दलालों ने निकाल रखी है। जिससे इस लॉक डाउन में नियमावली आम उपभोक्ताओं के लिए तो हर कक्ष के प्रवेश में है.

किन्तु दलालों के प्रवेश पर सारी नियमावली टूट जाती है। खासतौर पर मुख्य आर० आई० ललित कुमार के यहां तो फिटनेस हो या परमानेंट लाइसेंस की प्रक्रिया बिना उनके करीबियों के बिना संभव ही नहीं है। वरन् तमाम तरह की व्याधियों निकालकर पांरगत चालक को फेल करना इनके बाएं हाथ में हैं।

जहां तक संभागीय परिवहन कार्यालय की बात है तो यहां पर आर०टी०ओ० व ए०आर०टी०ओ० प्रशासन ए०आर०टी०ओ० प्रवर्तन से लेकर डिप्टी कमिश्नर तक है। किन्तु गाड़ियों की पड़ताल के लिए अकेले अनुभवी विशेषज्ञ आर० आई० ललित कुमार ही सबसे सक्षम है। जिसमें विभाग में उनकी अपनी अलग है। हालांकि अजीत कुमार भी आर० आई० हैं.

किन्तु ललित कुमार के पास फिटनेस से लेकर परमानेंट लाइसेंस तक के सारे अहम् जिम्मेदारियां हैं। जिससे वह कक्ष में प्रवेश पर ही आम आदमी से बड़ी बेइज्जती से बात करते हैं। जबकि उनके करीबी दलाल किसी भी समय उनके कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। जिसमें फिटनेस परमानेंट लाइसेंस में ऑनलाइन होने के बावजूद ट्रेनिंग परीक्षा पास ,करने में बड़ा खेल होता है।

वरना क्या मजाल जो किसी को पास कर दिया जाय। इसमें सारा का सारा खेल आर०आई० के चपरासी के माध्यम से ही होता ह। जिसमें छूट भैय्या दलालों की फाइल भी वही पास करता है।

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