गंगाघाट पुलिस की लचर कार्यशैली से अपराधियों के हौसले बुलंद

हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में कई आरोपी अभी     तक नहीं हो सके गिरफ्तार

के० एस० टी,शुक्लागंज संवाददाता। शुक्लागंज में अपराधिक मामलों में स्थानीय पुलिस अपने कार्य के प्रति कितना संवेदनशील है। इसका अंदाजा भाजपा नेता के दामाद की हत्या होने से लगाया जा सकता है। जिसमें मृतक ने अपनी जान का खतरा बता कर स्थानीय पुलिस से लेकर सूबे के मुखिया तक रजिस्टर्ड़ पत्र भेज कर सुरक्षा किये जाने की गुहार लगाई थी।

इसके अलावा पूर्व में घटी कई हत्याओं के मामले में भी पुलिस एफ आई आर दर्ज करने के बाद नामजद हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जो खुली हवा में घूम रहेे हैं। ऐसे में अगर यही हत्यारे फिर से कोई वारदात को अंजाम दे बैठें तब उसका जिम्मेदार कौन होगा यह सवाल यक्ष प्रश्न बना खड़़ा है।

गंगाघाट पुलिस अपराधों पर नियंत्रण लगाने में पूरी तरह असफल होती दिख रही है। बताते चले कि मृतक शुभम् मणि ने बीते पन्द्रह जून को कोतावाली प्रभारी निरीक्षक‚ सीएम‚ मानवाधिकार आयोग और पुलिस अधीक्षक को अपनी जान का खतरा होना बता कर एक पत्र रजिस्टर्ड़ किया था।

सूत्रों की माने तब इसके साथ ही ही वह दो दिन पूर्व कोतवाली प्रभारी से भी मिला लेकिन प्रभारी निरीक्षक ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा शुक्रवार को हमलावरों ने उसे गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया। इसी तरह मार्च माह के नौ तारीख को सुखलाल खेड़़ा में दो पक्षों के हिंसक टकराव में तीन लोगों की हत्या हो गई थी।

पुलिस ने इस मामले में भी दोनों तरफ से लगभग उन्नीस लोगों को हत्यारोपी के रूप में नामजद किया लेकिन चंद लोगों को ही पुलिस पकड़़ सकी। इसी तरह कुछ दिन पहले राजीव नगर खंती में गोताखोर निवासी सनी की चाकू गोद कर हत्या कर दी गई लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारे को पकड़़ नहीं सकी।

कटरी में पोनी रोड़ रामनगर निवासी गिरजा शंकर मिश्रा को गोली मार कर गंभीर घायल करने के मामले में पुलिस ने नामजद तीन लोगों में महज एक को ही पकड़़ा बाकी दो नामजद समेत एक अज्ञात फरार हैं। ऐसे में हत्या और हत्या का प्रयास करने जैसे जघन्य मामलों में स्थानीय पुलिस की कार्रवाई लचर दिख रही है। जिसके कारण नगर में अपराधियों के हौसले बढ़े हुए हैं।

रिपोर्ट:- जितेन्द्र सिंह

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