के० एस० टी०,फतेहपुर संवाददाता।शहर सिर्फ अभिलेखों में खुले में शौच जाने से मुक्त (ओडीएफ) है। नगर पालिका के चार करोड़ 24 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी बड़ी आबादी खुले में शौच जाने को मजबूर है। बड़ी संख्या में निजी शौचालय अधूरे हैं।
नगर पालिका लाभार्थियों को धनराशि देने के बाद शांत होकर बैठ गई। मॉनीटरिंग नहीं की गई। नगर पालिका ने 2018 से शहर को ओडीएफ बनाने के लिए प्रयास शुरू किए थे। शौचालय विहीन घरों में निर्माण के लिए आवेदन मांगे गए थे। 5867 परिवारों ने आवेदन किया था।
सत्यापन के बाद नगर पालिका ने 5300 लाभार्थी चुने थे। इन सभी को चार-चार हजार रुपये की दो किस्तों में 8000 रुपये की मदद दी गई थी। तमाम घरों में शौचालय अधबने हैं। डीएम आवास की बाउंड्री के पास सिविल लाइन इलाके की आबादी में दर्जनों की तादाद में शौचालय अधबने हैं।
किसी लाभार्थी ने सिर्फ टैंक का निर्माण कराया तो किसी ने टैंक बनाकर ऊपर दीवार खड़ी कर दी। इस आबादी में एक भी शौचालय प्रयोग के लायक नहीं है। कमोवेश यही हाल पूरे शहर का है। नगर पालिका के अवर अभियंता सिविल अमित जायसवाल का कहना है।
कि शौचालयों का निर्माण अधूरा छोड़ने वाले सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। निर्माण पूरा न कराने पर आर्थिक मदद वसूल की जाएगी।