के० एस० टी०,लखनऊ संवाददाता। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले दुर्दात अपराधी विकास दुबे का पूरे प्रदेश में कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा है। बीते 72 घंटों से ड़ीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों से लेकर एसटीएफ का पूरा अमला दिन–रात उसकी सुरागरसी में लगा है।
फरार विकास दुबे और उसके साथियों के किसी पड़़ोसी राज्य में जाकर छिपने की आशंका के मद्देनजर वहां के पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क साधा जा रहा है। विकास और उसके गैंग के बारे में हर छोटी से छोटी सूचना पर भी पुलिस तत्काल हरकत में आ रही है। हालांकि उसे कहीं भी सफलता नहीं मिल पा रही।
पुलिस अधिकारियों की मानें तो देर रात हुई इस घटना की वजह से विकास दुबे को फरार होने का खासा वक्त मिल गया। कानपुर से मध्य प्रदेश और राजस्थान बार्ड़र नजदीक होने की वजह से उसके वहां छिपने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इंडो–नेपाल बार्ड़र पर भी पूरी एहतियात बरतते हुए.
एसएसबी की मदद से सघन चेकिंग की जा रही है। दरअसल जब तक पुलिस अधिकारियों ने विकास और उसके साथियों को दबोचने के लिए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया‚ तब तक काफी देर हो चुकी थी। उसे दूसरे राज्य में भागने का पर्याप्त अवसर मिल गया था।
हालांकि पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश में लगातार चेकिंग की जा रही है‚ ताकि उसके बाकी साथियों को दबोचा जा सके। रविवार को औरैया में एक गाड़़ी पकड़े़ जाने पर उसका विकास दुबे से लिंक तलाशा गया पर इसमें भी निराशा हाथ लगी। इस बाबत ड़ीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि विकास की लोकेशन के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी हाथ नहीं लगी है।
यह आशंका है कि वह यूपी का बार्ड़र पार कर चुका है। पुलिस की टीमें उसकी दिन–रात तलाश कर रही हैं। उसके बारे में तमाम इनपुट मिल रहे हैं जिनको वैरीफाई किया जा रहा है।
एसटीएफ ने बदली रणनीति:- वहीं विकास और उसके साथियों की तलाश के लिए यूपी एसटीएफ ने अपनी रणनीति बदली है। कानपुर और उसके आसपास के इलाके में उसके मिलने की संभावना बेहद कम होने की वजह से अब बाकी राज्यों के कुख्यात अपराधियों की कुंड़ली भी खंगाली जा रही है जो विकास को पनाह दे सकते हैं। एसटीएफ की कुछ टीमें इस गोपनीय ऑपरेशन के तहत पड़़ोसी राज्यों में भेजी जा चुकी हैं। एसटीएफ की नजरें विकास के उन करीबियों पर भी हैं जिनसे वह मदद के लिए संपर्क साध सकता है। ऐसे करीबन डे़ढ़ सौ नम्बर एसटीएफ ने सर्विलांस पर ले रखे है जिनमें कुछ राजनेता भी शामिल हैं।
कानपुर पुलिस करती रही चूक:- इस मामले से यह साफ हो गया है कि कानपुर पुलिस लगातार चूक करती रही। उसने अपराधियों की धरपकड़़ के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाए गये विशेष अभियान में खास रुचि नहीं ली। वहीं विकास की मदद करने वाले पुलिसकर्मियों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया है। उन पुलिस अफसरों पर भी कोई कार्रवाई नही की गयी है जिन्होंने विकास के बारे में शिकायतें मिलने पर भी कोई कदम नही उठाया।