जांच में फंसने की दहशत से बिल्डर क्षेत्र में पलायन कर रही है बब्बर क्रेन सर्विश

यातायात पुलिस से शासन से भी स्वीकृति पड़ी है क्रेन की फाइल

◆ इतने वर्षों तक एक ही की सर्विश लेने में हाथ है किसके-किसके

करोड़ो रूपये सालाना भुगतान किया जाता था संचालक को

बंदर बाट में कौन-कौन था शामिल


के० एस० टी०, कानपुर नगर। फजलगंज स्थित बब्बर क्रेन सर्विश के संचालक ने यातायात विभाग में अपनी क्रेने चालक व लड़के लगवाकर अकूत सम्पति पैदा की है। खासम खान सूत्र के मुताबिक क्रेन सर्विश का संचालक अब जानता है कि ट्रैफिक विभाग की अपनी नई क्रेने आने में शासन में ज्यादा देरी नहीं है।

लिहाजा उसने धीरे-धीरे बिल्डर क्षेत्र में अपना कारोबार तब्दील करना शुरू कर दिया है। क्योंकि संचालक भली भांति जानता है कि यातायात पुलिस के उच्चाधिकारियों से सांठ-गांठ कर उसने इतने वर्षो में कितना कमाया है। अगर इसकी सालाना वाली जांच हो गयी तो उसका फंसना तय है।

बताया जाता है कि बब्बर क्रेन सर्विश की एक समय यातायात पुलिस में दर्जन भर के आस पास क्रेने लगी रहती थी। जिसमें प्रतिवर्ष उसकी सेटिंग के चलते उसी की गाड़िया चालक जंजीरा डालने वाले लड़के भी उन्हीं के होते थे। ट्रैफिक सिपाही व टी.एस.आई. मात्र औपचारिकता भर थे। इन्ही के लोग जिन पर जंजीर डाल देते थे। उन्ही को ट्रैफिक लाइन ले जाया जाता था।

जिससे शहर के ट्रांसपोर्टर, अवैध टेम्पो स्टैंड वाले टी.एस.आई किस सम्पर्क में रहने के साथ बब्बर के संचालक से ही सेटिंग रखते थे। जिसमें महावारी भी बंधी होने की बात बताई जा रही हैं। क्योंकि प्रमुख सवाल यह है कि बब्बर क्रेन सर्विश के मुकाबले शहर में कई क्रेन सर्विशे है। जिनके पास नई-नई क्रेेने हैं।

फिर यातायात विभाग से हर साल यही सर्विश क्यों ठेके लेने में सफल रही? आखिर इस सर्विश के टेंडरों में हाथ किसका रहता था? यह सब जांच के बिंदु हैं, जिन्हें हम बारी- बारी के अंकों में आपसे अवगत कराते रहेंगे?

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