फाइनेंसर के डर से तो नहीं कट रही है गाड़ियां!

 फजकगंज थाना क्षेत्र में समाया है कटर गिरोह का साम्राज्य


के० एस० टी०,कानपुर नगर। मोटर जोन को अपनी आगोश में समेटे फजलगंज थाना क्षेत्र में जरायम होना आम बात है। क्योंकि मोटर जोन में नशाखोरी मामूली सी बात है। ऐसे में अपराधिक गतिविधियों में दिमाग डायवर्जन होना बड़ी बात नहीं है। किन्तु इसे रोकने में पुलिस व उसके सहयोगी पुलिस मित्र सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले सिविल डिफेंस के लोगों की इस तरह की गति विधियों को रोकने में कितनी कारगार भूमिका रहती है।

जिससें सामाजिक बुराईयां छोटे-बड़े अपराधों की ओर आदमी को अग्रसरित न कर सके। वर्तमान समय में थाना क्षेत्र में तमाम जरायम के काम पनप रहे हैं। जिसमें चोरी से वाहन कटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहे है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो इस कारगुजारी में थाने के कुछ खाकी वर्दी धारियों की संलिप्तता रहती है। जिसमें कोरोना काल में यहां लाकर तमाम ऐसे ट्रक कटवा दिये गये जिनके मालिक फाइनेंसरों के बड़े बकायदार थे।

वह उनकी वजह से तबाही की कगार में आकर खड़े हो चुके थे। जिसने उनके पास दो ही चारे थे की गाड़ी को कटवा कर कहीं चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दें या फिर परिवार के साथ सलफास खा ले। बताया जाता है कि नोट बंदी, जी०एस०टी० से तबाह छोटे ट्रांसपोर्टर के कारोबार में 22 मार्च रविवार जनता कर्फ्यू के बाद जारी लॉक डाउन ने वज्र सा गिरा दिया था। पहले ही फाइनेंसरों की महावारी किश्तों की अदायगी नहीं हो पाई थी।

लॉक डाउन के दौरान एक जगह ही खड़ी हो गई गाड़ियां बिगड़ गई। लॉक डाउन में ढील मिलते ही इनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कहां से गाड़ी सर्विस व डीजल पानी का इंतजाम कहां से करें। उसके बाद चालक महामारी की दहशत में ढूंढे नहीं मिल रहे थे। ऐसे में फाइनेंसरों की दहशत में रातों रात दूर-दराज की गाड़ियां यहां गड़रियन पुरवा में कट गई किसी को पता ही नहीं चला।

फिर साठ-गांठ से करीबी थाना क्षेत्रों में रिपोर्ट भी दर्ज करा ली गई। जबकि कुछ गुमशुदगी में आज भी तलाश की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि गाड़ी कटने का कार्य गड़रियन पुरवा और दर्शन पुरवा के साथ प्रतापगंज के गोदामों में धड़ल्ले से चलता रहा। जिसमें उन्ही वर्दी धारियों को जानकारी रही जिनकी बराबर घंटों में गाड़ी काट देने वाले विशेषज्ञ मिस्रियों पर नजर बनी रही। उन्हीं ने फायदा उठाया।

अमित कुमार तोमर थाना प्रभारी फजलगंज तो कोरोना की दहशत में ऑफिस में ही दुबके रहे। जरूरत पड़ने पर उसी समय सड़कों में दिखे जिस समय अधिकारियों की गश्त रही। उनके गुजरते ही वे फिर वातानुकूलित कक्षो में कैद हो गये। बताया जाता है कि इसका पूरा का पूरा फायदा उनके करीबी वर्दीधारियों ने उठाया।

जिसमें लॉक डाउन के दौरान दर्शन पुरवा के गोदाम में आधी रात्रि को शराब निकलने की जोरदार चर्चा का मामला रहा हो या फिर धड़ल्ले से इस थाना क्षेत्र के गड़रियन पुरवा व प्रतापगंज और दर्शन पुरवा के गोदामों में चोरी के वाहन कटकर कबाड़ी मार्केट व गड़रियन पुरवा की चिन्हित दुकानों में पार्ट्स पहुंचाकर रातों-रात बिक्री का मामला हो।

इसके अलावा कालपी रोड जैसी अतिव्यस्ततम् सड़क पर लावारिस खड़े वाहनों अवैध स्टैंडो के मामले में थाना क्षेत्र अंजान क्यो रहता है। जबकि लॉक डाउन के पूर्व वर्तमान आई०जी० मोहित अग्रवाल ही सड़क से वाहनों को हटवाने के लिए कितनी सख्त थे।

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