भक्ति संगीत नहीं ठेके के पिय्यकड़ो की आवाजें आनी है हनुमान मंदिर में

◆ स्वरूप नगर के नशे शराब के ठेके में पिय्यकड़ो का जमावड़ा
◆ दबी जुबान इलाकाई लोगों में उठने लगा है आक्रोश
◆ क्षेत्राधिकारी कार्यालय की दूरी भी चंद फ्लागं पर


के० एस० टी०,कानपुर नगर। सनातन धर्म व कलियुग के संकट मोचन में शुमार किये जाने वाले पवन पुत्र हनुमान जी का मंदिर आजकल न ही सुन्दरकांड और न ही भजन संगीत की वजह से सुर्खियों में हैं बल्कि इसी से चंद फ्लाग पर खुले नये अंग्रेजी शराब के ठेके की वजह से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर स्वरूप नगर पुलिस के पास आ रही शिकायतों से वहां का मिजाज बदला है।

हालांकि पुलिस दबे रिहायशी इलाको से उठ रहे आक्रोश को भली-भांति समझ रही है किन्तु न ही शराब की टाइम-बेटाइम बिक्री व पिय्यकड़ो के जमावड़े को ही रोक पा रही है। आपको बताते चलें कि धार्मिक स्थलों से कितनी दूरी पर शराब का ठेका होना चाहिए। जो खुद आबकारी नियमों में निर्धारित है.

किन्तु स्वरूप नगर स्थित पोस्टमार्टम के सामने वाली मुख्य सड़क के विपरीत में वर्षों से एक हनुमान मंदिर स्थापित है। जहां पर यही पीछे की रिहाइश पाश इलाके के लोग पूजन अनुष्ठान करते रहे हैं किन्तु बीते मार्च माह के टेंडर में 2020-2021 के शराब के ठेकों में इसी मंदिर से कुछ ही फलांग पर अंग्रेजी का ठेका जबरन बना दिया गया।

विरोध इसलिए नहीं हुआ कि पुलिस के कुछ वर्दीधारी ठेके के संचालकों की सरपरस्ती करते रहे। विरोधों के चलते अभी तक तो इस मुख्य सड़क पर सिर्फ शराब बिकती थी किन्तु अब विरोध दबते ही पीने-पिलाने का दौर भी शुरू हो चुका है। मुख्य मार्ग हैलट, मेडिकल कॉलेज, पोस्टमार्टम, थाना, क्षेत्राधिकारी कार्यालय सब.

इसी रोड पर होने के कारण यातायात की संवेदनशीलता समझ में आ गई होगी। इतना ही नहीं यही की गलियों से एक महिला विद्यालय व डिग्री कॉलेज की छात्राएं कॉलेज जाती है। फिर भी पिय्यकड़ो का जमावड़ा यहां किसी भी समय देखा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस ठेके को लेकर आक्रोश न हो किन्तु पुलिस के कारण यह आक्रोश अभी दवा है।

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