के० एस० टी०,उन्नाव संवाददाता।उन्नाव के बबुरहा गांव में हुई घटना के बाद खुलासे में लगी पुलिस ने बुधवार रात शक के आधार पर पूछताछ के लिए मृतका काजल के पिता व दो भाइयों को उठाया। काजल की भाभी का आरोप है कि रात में पुलिस ने घर में घुसकर कोना-कोना खंगाला। उसकी ढाई माह की बच्ची की दवा की शीशी तक उठा ले गए।
मृतका की भाभी का नाम भी काजल है। उसका आरोप है कि रात 10 बजे पुलिस जबरन घर के अंदर घुस गई। पुलिस कर्मियों ने घर का कोना-कोना खंगाला। बक्सों से लेकर बर्तनों तक की जांच की। इस दौरान अलमारी पर उसकी ढाई माह की बेटी सगुन की बुखार की दवा की दो शीशी रखी थी। पुलिस ने उन शीशियों को भी कब्जे में ले लिया।
उसने बेटी की तबीयत खराब होने और दवा देने की बात कही तो पुलिस ने उसे झटक दिया। काजल की भाभी के अनुसार पुलिस द्वारा दवा ले जाने से उसकी बेटी की तबीयत भी बिगड़ गई। पुलिस ने ऐसा बर्ताव किया कि जैसे उसने दवा की शीशियों में जहर मिलाकर रखा था।
मां बोली, सादे कागज पर लगवाया अंगूठा
काजल की मौत के गम में बेहाल मां बिटोल के गले से आवाज नहीं निकल रही थी। उसने रुंधे गले से बताया कि पुलिस रात में घर आई और उसे थाना लेकर गई। वहां सादे कागज पर उसके दोनाें अंगूठे के जबरन निशान ले लिए। उसके पूछने पर पुलिस ने चुप्पी साध ली।
पांच परिवारी, 10 बाहरी लोगों से पूछताछ
बबुराहा गांव में हुई घटना के राजफाश में लगी पुलिस ने काजल के दो भाई सूरज व ललित उर्फ सपाटू के अलावा पिता सूरजपाल को उठाकर पूछताछ की। सूरजपाल को बाद में थाना से जाने दिया गया। अन्य से दूसरे दिन भी पुलिस पूछताछ करती रही। संदेह के आधार पर पुलिस ने गांव व पड़ोसी गांव के 10 लोगों को थाना ले जाकर पूछताछ की है।
किसी करीबी के ही जहर देने का अंदेशा
ग्रामीणों के अनुसार तीनों किशोरियों को किसी करीबी ने ही जहर दिया है। अंदेशा है कि जिसने उन्हें जहर दिया वह उनका अति करीबी है। उसे किशोरियां अच्छे से जानती रही होगी। उस पर पूरा भरोसा भी करती थीं। जबरन जहर दिया जाता तो शरीर या घटनास्थल पर विरोध के निशान जरूर मिलते।