ग्लैमर और चकाचौंध से सजी फिल्म दुनिया न जाने कितने लोगों का सपना होता है। हर कोई बस स्टार वाली जिंदगी जीना चाहता है। वो चाहता है कि उसके उतरते ही भीड़ जुट जाए। उसकी एक झलक पाने के लोग तड़पे।
लेकिन वो नहीं जानते कि फिल्मी दुनिया में मुकाम हासिल करने के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। इसी वजह से यहां कितने बड़े स्टार डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं। हाल ही में अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस ने इससे जुड़ा एक खुलासा किया है। पिंकविला से बातचीत में जैकलीन ने अपने डिप्रेशन में जाने को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि एक वक्त पर जब वो डिप्रेशन में चली गई थीं तो उन्हें थेरापिस्ट की मदद लेनी पड़ती थी। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में कई तरह की अफवाह सुनने को मिल जाती हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी इन अफवाहों को काफी फैलाया जाता है। आपको ये पता होता है कि कोई आपके बारे में क्या सोचता है। कई बार इसके चलते परेशानी होती है। जैकलीन ने बताया कि उन्होंने अपने मुश्किल वक्त में डिप्रेशन का किस तरह सामना किया।
उन्होने कहा कि मैं अपनी परेशानी थेरेपिस्ट के साथ शेयर करती हूं। लंबे समय तक मैं अकेली भी रही हूं जब मेरे पास कोई नहीं था। परेशानियों का सामना करना मैंने सीख लिया था लेकिन अब जब लोग मेरे पास हैं, तो जिंदगी में शांति लगती है। बता दें कि जैकलीन फर्नांडिस ने कोरोना वायरस को लेकर चल रही अफवाहों को रोकने और इस वायरस से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खास पहल शुरू की है, जिसकी सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। अभिनेत्री ने लाइव चैट के जरिए सूरत की पहली कोरोना पीड़ित रीता से बात की।
इस दौरान रीता ने कोरोना वायरस के दौरान संक्रमित होने के अपने अनुभव को जैकलीन के साथ साझा किया। रीता ने बताया कि वह लंदन से मुंबई आई थीं। एयरपोर्ट पर हुए थर्मल टेस्ट में कुछ नहीं आया। दो दिन बाद जब उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हुए तो सरकार की ओर से जारी हैल्पलाइन नंबर पर उन्होंने कॉल किया और अस्पताल में भर्ती हो गईं। जैकलीन फर्नांडिस ने रीता से पूछा कि कोरोना के लक्षण पता चलने पर क्या करना चाहिए। इस पर रीता ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण पता चलने पर सबसे पहले खुद को आइसोलेट करना चाहिए। किसी से भी मिलना नहीं चाहिए। इसके बाद हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अस्पताल जाना चाहिए। इसके बाद अस्पताल तय करेगा की वह लक्षण कैसे हैं।