सबकी निगाहें है जेल में बंद राम दास की पत्नी ननकी देवी के चुनाव पर

कार चुनाव चिन्ह लेकर मतदाताओं से मांग रही हैं इंसाफ

मतदाताओं की सहानुभूति मिल भी रही हैं


के० एस० टी०,कानपुर संवाददाता। गाँवो की सरकार के लिए इस बार चुनाव चिन्ह मिल जाने के बाद प्रचार शबाब पर आ चुके है। शोर-शराबा दिन भर बढ़ चुका है। उसमें जिला पंचायत बी०डी०सी० सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और प्रधान पद सभी सीटें सभी उम्मीदवारों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है।

जिसमें कानपुर शहर के कल्याणपुर विकास खंड में एक समय से पूर्व प्रधान रामदास की वजह से सुर्खियां बना कटरी शंकरपुर सराय में चुनावों प्रचार के चरम के बावजूद खामोश प्रचार चल रहा है। हालांकि पूर्व प्रधान रामदास की पत्नी ननकी देवी चुनाव चिन्ह “कार”

से चुनाव में उतर चुकी हैं किन्तु बड़ी सादगी से पांच-छह महिलाओं को लेकर सलीके से घर-घर की चौखट में जाकर मतदाताओं से पूछ रही है कि आखिर उनके पति रामदास व उनके परिवार ने किसी को नुकसान पहुंचाया या प्रधान रहते बाढ़ व अग्निकांडो या कटरी में माफियाओं की.

तबाह किसानों के उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होकर गरीबों को घर नहीं दिलवाए और शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े बच्चों के लिए शिक्षा के बंदोबस्त नहीं किये। आज उन्ही के पति को भूमाफियाओं ने अपने प्रशासनिक दबाव के चलते जेल में बुढ़ापे में बंद करवा रखा है क्या ऐसे में आप हमारा साथ नही देंगे।

उनके इस सवालों का जवाब मतदाता दे ही नहीं पा रहे हैं। बस एक ही बात कहता है कि आप का संघर्ष जाया नहीं जाएगा। कटरी शंकरापुर सराय में रामपुर, गंगा बैराज, गंगा रामपुरवा, रामनिहालपुर, दिवनीपुरवा, मेघ्घन पुरवा, कल्लू पुरवा, हत्थापुरवा,

पुखई पुरवा में इस समय बस भीषण गर्मियों के बावजूद चुनाव प्रचार बहुत सामान्य दिख रहा है। जिसमें पूर्व प्रधान रामदास की पत्नी ननकी देवी चुनाव चिन्ह “कार” को बताने के लिए चार-पांच महिलाओं को लेकर एक बार फिर से घर-घर जा रही है। जहां तक इस बंजर में छह-छह स्कूल और 700 सुलभ शौचालय,

पंचायत घर, अस्पताल, गली, नुक्कड़ों में खरंजे देने का कारण पूर्व प्रधान रामदास की पत्नी ननकी देवी का चुनाव दौड़ में आता जा रहा है। क्योंकि वे मतदाताओं के बीच खास तौर पर बुजुर्गों के पास जाकर यही पूछती है कि जब उनके पति रामदास ने बीस वर्ष पूर्व कटरी में पहली प्रधानी लड़ी थी तो.

कटरी के गांवों में था गुंडों का साम्राज्य आए दिन बाढ़ में गाँव के गाँव बहते थे आगजनी में पूरी कटरी तबाह हो जाती थी। क्या उनके पति ने बड़े गुंडे माफियाओं से मोर्चा लेने के साथ तबाह लोगों को मकान जमीन नहीं दिलाई आज उन्ही के पति को उम्र के इस पड़ाव में जेल में नही डाला गया है। यह सब बड़े माफियाओं का खेल है। जिससे सहानुभूति उन्हे मिल रही है।

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