जिला पंचायत से कमजोर नहीं है कटरी शंकरपुर सराय की प्रधानी का चुनाव

चौथी बार जेल में बंद रामदास के परिवार की प्रधानी रोकने के लिए कसे हैं कमर

कार चुनाव चिन्ह से विकास के दावे कर ननकी देवी दूसरी जीत के लिए मैदान में

 दो बार रह चुके हैं उनके पति प्रधान


के० एस० टी०,कानपुर संवाददाता। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रधान चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है। यहां शहर के आस पास की सीटों में एक समय से कल्याणपुर विकास खंड की कटरी शंकरपुर सराय में कार चुनाव चिन्ह वाली ननकी देवी के सामने सभी तीन और प्रत्याशी सामान्य सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

हालांकि इस बार जेल में बंद रामदास की पत्नी ननकी देवी को उनकी सहानुभूति मिलती है या नहीं यह समय की गर्त में है किन्तु इतना तय कि सीनियर सिटीजनन्स (वरिष्ठ) मतदान आज भी पूर्व प्रधान की बुराई सुनना नहीं चाहता। वह आज भी कहता है कि आज से बीस साल पूर्व जब पहली बार रामदास चुनाव जीते थे तो उनका सबसे बड़ा साबका खेतिहर मजदूरों की.

खड़ी फसलें छीन लेने वाले जमीदारों से हुआ। जिसमें गरीब मजदूरों को हक दिलाने में बड़ी दुश्मनी भी लेनी पड़ी। इसी तरह हमेशा बाढ़ में सब कुछ विकास तक बाह ले जाने वाली गंगा की बाढ़ के बावजूद शिक्षा का सर्वोत्तम जूनियर समेत तमाम स्कूल, सड़के, खेतिहर मजदूरों का पट्टे ही नहीं विभिन्न सरकारी मतों से आवासीय सहायता दिलाकर मकान बनवाने वाले.

पूर्व प्रधान रामदास के साथ कुछ भी हुआ हो उन्होंने किसी मतदाता के साथ न छेड़खानी की न ही विकास के साथ कोई समझौता किया। जिनकी वजह से ग्राम पंचायत में पंचायत घर बारातशाला, प्रदेश के सर्वोत्तम प्राथमिक स्कूल हैं। कई ने नाम न छापने के वायदे के बाद बताया कि उनकी पत्नी कार चुनाव चिन्ह वाली ननकी देवी के दुबारा नम्बर एक की प्रत्याशीता में बने.

रहने के पीछे उनके परिवार का गांवो के लिए समर्पण रहा है। फिर हर नामधारी परिवार की बुराइयां करने वाले भी होते हैं। किन्तु उनकी मुंह पर बुराई करने वाला कोई नहीं है। हालांकि युवाओं ने इस बार ननकी देवी के खिलाफ ताल ठोकी है। जिसमें किसान चुनाव चिन्ह से अरविंद, इमली से कमलेश किताब से विनोद भी खूब चर्चा बटोर रहे हैं। इसलिए यहां चतुष्कोणीय मुकाबला है। यह मतदाता के ऐनवक्त पर फैसले पर निर्भर होगा।

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