सीएम की बैठक में न जाने देने पर सपा विधायक ने कराया मुंड़न
23 May
के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कोरोना महामारी में लोगों की मौत के लिये सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी ने मुख्यमंत्री के नगर आगमन पर मुंड़न कराया और नजरबंद किये जाने पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सिर्फ सत्ता पक्ष के विधायकों से मिलते हैं‚ विपक्ष की बात सुनना उन्हें गवारा नहीं।
विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कई मुद्दे उठाये और उन पर जवाब मांगा। मुख्यमंत्री के नगर आगमन से पहले पुलिस ने सपा विधायक को उनके काकादेव क्षेत्र में स्थित घर में नजरबंद कर दिया। इस पर विधायक ने आक्रोश जताया और कहा कि जन प्रतिनिधियों को समीक्षा बैठक में बुलाया गया था‚ इसके बावजूद उन्हें नजरबंद किया गया।
पुलिस को बैठक का आमंत्रण पत्र दिखाया‚ फिर भी उन्हें साजिशन बैठक में नहीं जाने दिया गया। विधायक ने विरोध स्वरूप घर के बाहर मुंड़न कराया और कहा कि यह मृतकों के प्रति उनकी श्रद्धांजलि है। इस मौके पर नीरज सिंह‚ आफताब आलम भोलू‚ वीरेन्द्र त्रिपाठी‚ करुणेश श्रीवास्तव‚ नसीम अहमद‚ चेतन पांडे़य‚ आशीष पांडे़य‚ सौरभ गुुप्ता‚ शांतनु सिंह‚
कृष्णा शर्मा आदि मौजूद रहे। बाद में विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा‚ जिसमें कहा कि बीते फरवरी में विधानमंड़ल सत्र में विपक्ष ने कोविड़–19 के खतरे से सरकार को आगाह किया था‚ मगर अनसुनी कर दी गयी। यही कारण है कि कोविड़ ने कहर बरपाया तो सरकार तैयार नहीं थी। न अस्पताल थे‚ न बेड़ और न ही आक्सीजन।
रेमडे़सिविर और ऑक्सीमीटर तक नहीं मिल रहे थे। उर्सला अस्पताल में बीते दिसंबर में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगने का प्रस्ताव रखा गया‚ मगर उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। यदि वह प्लांट लगा दिया जाता तो कई मरीजों की जान बच जाती। आरटीपीसीआर एवं एंटीजन टेस्टिंग की संख्या पीएचसी एवं सीएचसी में 50 पर सीमित कर दी गई।
रिपोर्ट 4 से 5 दिन में भी नहीं मिल रही है। पत्र में मांग की गयी कि मृतकों के परिजनों को चार–चार लाख मुआवजा दिया जाये‚ मृतक परिवार का मुखिया था तो आश्रितों को दस हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया जाये‚ उसके बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिले‚ ड़फरिन अस्पताल में एनआईसीयू समय से पूरा हो‚ केपीएम में आईसीयू बनाया जाये‚ धनकुट्टी में नगर निगम अस्पताल का पुनर्निर्माण हो।