नोइंट्री में धड़ल्ले से गुजरते हैं ओवर लोड-लोड वाहन

◆ दादा नगर के सार्वजनिक पुल पर ट्रैफिक पुलिस का हाल
◆ मार्ग दुर्घटनाएं रोकने के लिए लगाई जाती है नो-इंट्री


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कमिश्नरेट लागू हो जाने के बावजूद संवेदनशील प्वाइंटों में यातायात पुलिस का रवैय्या सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। इसी तरह के दादा नगर प्वाइंट में “नो इंट्री” में धड़ल्ले से लोड ट्रक समेत तमाम सेटिंग वाले वाहन इधर-उधर होते रहते हैं। जबकि ट्रैफिक विभाग के वर्दीधारी व होम गार्ड दादानगर पुल की सिगरेट मसाले की दुकान में आराम फरमाया करते हैं।

जिससे अक्सर दादानगर के नये पुल का वन वे सिस्टम धड़ाम होने से जाम की स्थित बनी रहती हैं। आपको बताते चलें कि पूर्व में एक टीएसआई के निलंबन के साथ दादानगर समेत संवेदनशील चार मुख प्वाइंटों से यातायात पुलिस की ड्यूटी तत्कालीन एसपी ट्रैफिक बसंत लाल ने हटा दिया था। जो कई महीने तक हटी रही। दीपावली के त्योहार में ये प्वाइंट बहाल कर दिये गये। ये प्वाइंट बंद क्यो हुये?

क्या एडीजी या तत्कालीन आईजी ने कोई वीडियो क्लिप देखकर एसपी ट्रैफिक को निर्देशित किया था। यह सब तमाम ऐसे प्रश्न है जो दादानगर समेत मंहगे प्वाइंटो की कलई खोलेते हैं। ट्रैफिक विभाग के अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक पहले निलंबित रह चुके दादानगर, हंसपुरम, मंधना, गंगाबैराज आदि में कौन सा प्वाइंट सबसे महंगा है। हर एक टीएसआई की दादानगर ही पहली ड्यूटी लगाने वालों से डिमांड क्यों बनी रहती है? बरहाल यह तो जांच का विषय है।

 

किन्तु इस समय बताया जाता है कि जिन लोडिंग या अनलोडिंग वाहनों को नोइंट्री में अपने वाहन दादानगर, पनकी फैक्ट्री एरिया को आना-जाना होता है। पहले उनका आदमी आता है टीएसआई के हमराही से बात करता है। वाहन नम्बर देता है व तय शुदा रकम उसी दुकान में जमा कर देता है और उसके बाद दादानगर फैक्ट्री एरिया ढलान में खड़ी गाड़ी को खतरा न होने की झंडी देता है। तब गाड़ी पास होती है। इस तरह का दादानगर ही नहीं विजय नगर में ढ़र्रा चल रहा है।

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