सीतापुर, संवाददाता। भाई की बाइक से सरैंया बाजार कीटनाशक खरीदने गए युवक को पुलिस ने रोक लिया। बाइक के कागज न होने के कारण पुलिस ने उसकी बाइक सीज कर दी। इससे परेशान युवक ने चाचा को नहर में कूदकर जान देने का मैसेज कर नूरपुर शारदा सहायक नहर के पुल की दक्षिणी पटरी पर नहर में छलांग लगा दी। सूचना पाकर परिजन मौके पर पहुंचे। ग्रामीण गोताखोरों की मदद ने युवक की नहर में तलाश की जा रही है। सदरपुर थाना क्षेत्र के सरैंया महिपतिसिंह निवासी दयाशंकर का 22 वर्षीय बेटा विमल वर्मा भाई निर्मल की बाइक लेकर सरैंया बाजार मेंथा फसल में दवा लेने गया था।
वहां से वह महमूदाबाद यूको बैंक से दो हजार रुपए निकालकर घर जा रहा था। रोडवेज बस स्टाप पर पुलिस वाहनों की जांच कर रही थी। विमल के पास बाइक के कागज न होने के कारण पुलिस ने उसकी बाइक सीज कर दी। इससे क्षुब्ध विमल ने चाचा राहुल के मोबाइल पर मैसेज भेज शारदा नहर में छलांग लगा दी। इस मैसेज को पढ़कर लोग बताए गए स्थान पर जा पहुंचे, जहां विमल के दो मोबाइल, बैंक पासबुक, गमछा, मेंथा फसल को बचाने वाली कीटनाशक दवा मिली। पुलिस व ग्रामीण गोताखोरों की मदद से परिजनों ने नहर में विमल की तलाश शुरू की। विमल का पता नहीं चला है।
विधायक ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा ने पुलिस की कार्यशैली की निंदा करते हुए मृतक के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि युवक मेंथा फसल की दवा लेने व पैसे निकालने महमूदाबाद गया था। इन कार्यों के लिए लाकडाउन में भी सरकार व प्रशासन द्वारा छूट दिए जाने के निर्देश हैं। युवक के पास बाइक खरीद की रसीद भी थी। 14 फरवरी को युवक के भाई की शादी हुई थी, जिसमें उसे बाइक मिली थी। लॉकडाउन होने के कारण अभी आरसी नहीं मिल पाई थी। ऐसे में बाइक सीज करना पुलिस की तानाशाही है। विधायक ने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।