Skip to contentके० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। गोबरधन योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इससे गांव की तस्वीर व तकदीर बदल सकती है। भले ही यह समझने में मामूली लगती हो, लेकिन सफल संचालन से गांव की जिदगी में बहुत फायदा मिलता है।
पशुओं की संख्या को देखते हुए ब्लाक कोयलसा के जलालपुर राजस्व गांव का सर्वे कर माडल बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। गोबरधन योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के ओडीएफ प्लस का एक महत्वपूर्ण घटक है।
देश के सभी 700 जिलों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने फरवरी 2018 में गोबरधन योजना शुरू किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में देश के 12 प्रदेशों में 215 जिलों का चयन योजना के अंतर्गत किया गया। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कुल 36 जिलों का चयन योजना के लिए किया गया है।
जिसमें इस जिले को भी शामिल किया गया है। प्रत्येक जिले में माडल सामुदायिक बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाना है। जिसके लिए गोबर से बायोगैस प्लांट स्थापित करने वाली संस्था का चयन जल्द किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य-: योजना का मुख्य उद्देश्य कचरे को कम करना और समग्र स्वच्छता बनाए रखना, खाद के समृद्धि स्त्रोत का सृजन, अपशिष्ट के ढेर को कम करके स्वच्छता में सुधार लाना, गांव की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना, गांव को आत्मनिर्भर स्वच्छ ऊर्जा बनाने में मदद करना, ग्रामीण समुदाय को उद्यमिता के अवसर देना और खाना पकाने के लिए बायोगैस, बायो सीएनजी के माध्यम से स्वच्छ एवं सस्ता ईंधन उपलब्ध कराना है।
संचालन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की-: योजना के सफल संचालन के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव एवं जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। संचालन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग को सौंपी गई है। व्यक्तिगत एवं कामर्शियल बायोगैस उत्पादन संबंधी माड्यूल विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसे तैयार करने में जानवरों की उपलब्धता, आबादी से दूरी एवं उपलब्ध जमीन को आधार बनाया जाए। जिले में माडल के रूप में एक गांव का चयन कर बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा। जहां पर्याप्त संख्या में गाय एवं गोबर उपलब्ध होगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
-आनंद कुमार शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी।