के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता।एसआईटी अधिकारी ने बताया कि सिख विरोधी दंगों के दौरान गोविंद नगर थाना क्षेत्र के दबौली एल ब्लॉक स्थित घर में सरदार तेज सिंह और उनके बेटे सतपाल सिंह की हत्या की गयी थी। परिवार के अन्य सदस्यों को पड़़ोसियों के घर में छिपकर जान बचानी पड़़ी थी।
इसके बाद दंगाइयों ने पूरे घर में जमकर लूटपाट करने के बाद आग लगा दी थी। वारदात के बाद तेज सिंह के दूसरे बेटे चरनजीत सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था‚ लेकिन सबूतों के अभाव में उस दौरान पुलिस ने केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। गठित एसआईटी ने हत्या‚
लूट और ड़कैती जैसे गंभीर मुकदमो के दस्तावेजों के आधार पर पहले 19 मामलों की जांच शुरू की थी। पिछले साल नवम्बर में रंगनाथ मिश्रा आयोग से शपथ पत्र मिलने के बाद दबौली एल ब्लॉक स्थित घर में हुई वारदात की भी अग्रिम विवेचना शुरू की गयी थी। यहां पर फॉरेंसिक टीम से जांच कराना बाकी था।
एसआईटी एसपी बालेन्दु भूषण ने बताया कि बुधवार को जब टीम घटनास्थल पर पहुंची तो वहां देखा कि घर की दीवारों का दोबारा निर्माण किया जा चुका था‚ लेकिन फर्श पुराना प्रतीत हो रहा था। इसके बाद वैज्ञानिक अधिकारी ड़ॉ० प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने बाहरी कमरे की फर्श‚
जीने के पास फर्श पर और बाथरूम के पास फर्श पर बेंजाड़ीन परीक्षण किया। इसके साथ ही ओबीटीआई चिप से परीक्षण किया गया तो फर्श पर मानव रक्त होने की पुष्टि हुई। बताया कि दबौली स्थित इस घटना के जांच के बाद एसआईटी ने अब तक वादी व गवाहों के बयान और शपथपत्र के.
आधार पर 11 दंगाइयों को चिह्नित कर लिया है। इन आरोपियों ने अन्य दो स्थानों पर भी इसी प्रकार हत्या व लूटपाट की वारदात की थी। इसमें एक प्रापर्टी ड़ीलर‚ डे़यरी संचालक व रोड़वेजकर्मी समेत अन्य आरोपी शामिल हैं।