कानपुर में तैनात रहे आइपीएस ने रची थी वसूली की साजिश, एफआइआर

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। काकादेव क्षेत्र के घर में आकर जेवर-नकदी लूटने और चार लोगों को अवैध हिरासत में लेकर लाखों रुपये वसूलने के आरोप के बाद लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के आठ पुलिस वालों पर डकैती के मुकदमे ने खाकी को शर्मसार कर दिया। यह मामला जितना चौंकाने वाला है, उससे अधिक हैरान कर देने वाली बात सामने आई है कि इन पुलिस कर्मियों के पीछे साजिशकर्ता एक आइपीएस है।

 

 

कभी कानपुर में तैनात रहा आइपीएस ही इन सबका नेतृत्व कर रहा था। आरोप है कि इसी आइपीएस के कहने पर लखनऊ पुलिस कानपुर से पीड़ितों को उठाकर ले गई थी। पीड़ित का दावा है, उसके पास आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कई सुबूत हैं। पुलिस ने अपने हित के लिए उसका करियर दांव पर लगा दिया। काकादेव क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी अजय सिंह के बेटे मयंक ने पिछले दिनों काकादेव में मुकदमा दर्ज कराया है।

 

लखनऊ कमिश्नरेट के पूर्वी जोन में तैनात पुलिसकर्मी रजनीश वर्मा, देवकी नंदन, संदीप शर्मा, नरेंद्र बहादुर, रामनिवास शुक्ला, आनंद मणि सिंह, अमित लखेड़ा और रिंकू सिंह को आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि ये पुलिस वाले 24 जनवरी 2021 को मयंक व उसके दोस्त को अवैध हिरासत में लेकर लखनऊ ले गए। दूसरे दिन उसे लेकर लखनऊ पुलिस शास्त्री नगर उसके घर पहुंची और घर मेंरखे जेवर व नकदी लूट ली।

बाद में उसके मामा व एक अन्य दोस्त को भी अवैध हिरासत में लिया। चारों को छोडऩे के एवज में 40 लाख रुपये वसूले और बाद में चालान सट्टेबाजी में कर दिया। अब सामने आया है कि लखनऊ कमिश्नरेट की जो पुलिस टीम कानपुर आई थी, उसका नेतृत्व कानपुर में तैनात रहे एक आइपीएस के हाथों में थी। हालांकि, जो मुकदमा दर्ज कराया गया है, उसमें आइपीएस का नाम कहीं नहीं है।

मगर, पीडि़त परिवार का आरोप है कि आइपीएस की भूमिका भी है। चूंकि उनके मामले में आइपीएस सामने नहीं आए, इसलिए उनका नाम नहीं लिखा, लेकिन पुलिस अधिकारियों को इस मामले में जांच करानी चाहिए। 40 लाख वसूलने के लिए जो फोन काल किए गए, उसकी रिकार्डिंग, कानपुर से उन्हें ले जाने का वीडियो फुटेज आदि साक्ष्य उनके पास हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *