गाजीपुर के भतौरा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में बांधे जा रहे पशु
05 Dec
के० एस० टी०,गाजीपुर संवाददाता।बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इलाके के अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्र बीमार पड़े हैं। गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। शासन बदहाल चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है।
हम बात कर रहे हैं ब्लाक के भतौरा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की। ऐसे में जच्चा-बच्चा के इलाज के लिए लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ रही है। भतौरा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। आरोप है कि शिकायत के बावजूद अधिकारी लापरवाह बने हैं।
यहां नियुक्त एएनएम कभी-कभार गांव में आती हैं और कागजी कोरमपूर्ति कर चली जाती हैं। इससे नवजात शिशुओं व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए भटकना पड़ता है। वर्षों पूर्व बना भवन जर्जर हो चुका है। यहां गंदगी का अंबार है। इसमें एएनएम व आशा कार्यकर्ता नहीं आती हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ तो गर्भवती महिलाओं के उपयोग को मेज, कुर्सियां, आलमारी, बेड (शैय्या) मिले थे, जिसका उपयोग अन्यत्र किया जा रहा है। केंद्र के भवन की दीवारों का प्लास्टर व खिड़कियां उखड़ गई हैं। दरवाजा मौके से नदारद हैं।
बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इलाके के अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्र बीमार पड़े हैं। गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। शासन बदहाल चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है।
हम बात कर रहे हैं ब्लाक के भतौरा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की। ऐसे में जच्चा-बच्चा के इलाज के लिए लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ रही है। भतौरा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। आरोप है कि शिकायत के बावजूद अधिकारी लापरवाह बने हैं।
यहां नियुक्त एएनएम कभी-कभार गांव में आती हैं और कागजी कोरमपूर्ति कर चली जाती हैं। इससे नवजात शिशुओं व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए भटकना पड़ता है। वर्षों पूर्व बना भवन जर्जर हो चुका है। यहां गंदगी का अंबार है। इसमें एएनएम व आशा कार्यकर्ता नहीं आती हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ तो गर्भवती महिलाओं के उपयोग को मेज, कुर्सियां, आलमारी, बेड (शैय्या) मिले थे, जिसका उपयोग अन्यत्र किया जा रहा है। केंद्र के भवन की दीवारों का प्लास्टर व खिड़कियां उखड़ गई हैं। दरवाजा मौके से नदारद हैं।