कागजों पर निरस्त केशव हॉस्पिटल की सेवाएं आज भी धड़ल्ले से जारी

रजिस्ट्रेशन कराने वाले चिकित्सक ने खुद निरस्त कराया था इस नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन

साठ-गांठ से धड़ल्ले से केशव हॉस्पिटल चलाया जा रहा है फर्जी रूप से

दलालों की बन आई 60 फीसदी भर्ती का पैसा उनकी जेब में

गंभीर से गंभीर रोगी किये जा रहे हैं धड़ल्ले से भर्ती


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। योगी-मोदी सरकारे आम आदमी के स्वास्थ्य के लिए किस कदर चिंतित है। जिसके लिए वे सरकारी स्वास्थ्य महकमें को बड़े से बड़ा बजट देने के लिए फिक्रमंद रहते हैं। वही स्वास्थ्य महकमा किस तरह से उनकी दरियादिली का मखौल उड़ा रहा है। उसे स्वास्थ्य महेकमें का सरकारी-गैरसरकारी गलियारा बुरी तरह से बदनाम है।

इसी तरह का एक सनसनीखेज मामला कल्याणपुर थाना क्षेत्र के आवास विकास के केशवपुरम में चल रहा निजी केशव हॉस्पिटल बताया जाता है कि इस हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर राजेश कुमार ने इस हॉस्पिटल की वैधता खत्म होने के बाद अक्टूबर 2021 में इसकी पंजीकरण को निरस्त कराने का प्रार्थना पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को देखकर निरस्त भी.

करा लिया। आपको बताते चलें कि केशवपुरम आवास विकास आईएमएल-146 में केशव हॉस्पिटल का पंजीकरण डॉक्टर राजेश कुमार ने पंजीकरण संख्या-2107/03 को 28 नवम्बर 2020 से 31 मार्च 2021 तक मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से प्रति वर्ष नवीनीकरण कराते रहे थे। इस बार किन्ही कारणों वश उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में.

14 जनवरी 2021 को इसके पंजीकरण के निरस्तीकरण का प्रार्थना पत्र दे दिया। डॉ राजेश कुमार की मेहनत का रंग था कि अस्पताल दिन-दूना रात चौगुनी बढ़ता गया किन्तु निशान सिंह उर्फ सनी को उन्होंने अधोषित रूप से पार्टनर लिया। सूत्र बताते हैं कि शनि की नीयत व बढ़ते जा रहे अनर्गल कामों को देखकर ही डॉक्टर राजेश ने पंजीयन निरस्त कराया.

किन्तु दुर्भाग्य की बात यह रही कि डॉक्टर राजेश कुमार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी इस अस्पताल का संचालन निशांत सिंह उर्फ शनि कैसे कर रहा है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि निरस्तीकरण के बाद एक दिन भी अस्पताल बंद नहीं हुआ। बहरहाल इस विवाद में दलालों की बन आई। उन्हें मरीज लाने के.

एवज में 60 फीसदी भर्ती कराने का पैसा पहले ही मिल जाता है। जिससे इस नामी गिरामी हॉस्पिटल में मरीजों के आने की संख्या कम नहीं हुई है। बल्कि और अधिक बढ़ गई हैं। बताया जाता है कि मरीजों से यहां खुली लूट हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतना नामी-गिरामी हॉस्पिटल तमाम अनियमितताओ के बावजूद निरस्त होने के.

बाद एक दिन भी बंद नही हुआ। वैसे ही चलता रहा। इसमें मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की प्रवर्तन टीम सीधे-सीधे जवाब देह हैं कि डॉक्टर पेशे से दूर-दूर तक सम्बन्ध न रखने वाला निशांत सिंह उर्फ शनि गंभीर से गंभीर रोगियों को इस हॉस्पिटल में कैसे भर्ती करवा रहा है। शेष अगले अंक में……

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *