बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है केशव हॉस्पिटल!

पूर्व रजिस्ट्रेशन असली स्वामी करा चुका है निरस्त

ऐसा है तो मरीजों की जिंदगी के साथ कर कौन कर रहा है खिलवाड़

मुख्य चिकित्साधिकारी ने मामला संज्ञान में लेते हुए दिये जांच के आदेश


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। आवास विकास आईएमएल-146 केशवपुरम कल्याणपुर स्थित केशव हॉस्पिटल मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से स्वामित्व की मर्जी से निरस्त हो चुका है किन्तु ऊंची रसूख वाला निशांत सिंह उर्फ शनि धड़ल्ले से केशव हॉस्पिटल का संचालन कोविड-19 के आपातकाल जैसी हालातों में कर रहा है। हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी डा० नेपाल सिंह ने.

मामले की जांच की बात कही है। आपको बताते चलें कि इस कोविड अस्पतालों में मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय से केशव हॉस्पिटल को एक समय इस हॉस्पिटल को लिया था किन्तु संचालन कर्ता डा० राजेश कुमार ने शिर्फ निशांत सिंह उर्फ शनि की वजह से इस हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण करा लिया। जबकि हॉस्पिटल चलाने की समयसीमा का पंजीकरण संख्या-2107/03 को 28 नवम्बर 2020.

से 31 मार्च 2021 को खत्म हो गया था इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से डा० राजेश कुमार ने हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन क्यों निरस्त कराया? इसकी वजह थी क्या? क्या अप्रत्यक्ष रूप से निशांत सिंह उर्फ शनि इसका पार्टनर था? निरस्त्रीकरण के बाद निशांत सिंह उर्फ शनि उसी जगह पर इस हॉस्पिटल को संचालित कैसे करने में कामयाब है? क्या वह जमीन व बिल्डिंग उसकी थी?

बहरहाल दोनों का क्या करार था। यह तो जांच के बिन्दु है किन्तु इतना तो तय है कि दोनों में किसी वजह को लेकर इतनी ठनी कि डा० राजेश कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 14 जनवरी 2021 को निरस्तीकरण का प्रार्थना पत्र देकर निरस्तीकरण का प्रमाण भी ले लिया। बरहाल यह दोनों की अपनी निजी बात है किन्तु अगर बिना रजिस्ट्रेशन के हॉस्पिटल निशांत सिंह उर्फ शनि संचालित कर रहा है तो.

वह मरीजों के जीवन के साथ उस समय खिलवाड़ कर रहा है। जब कोविड-19 की नई सी-माइक्रोनी की दहशत यहां छाई हुई है। इस समय और भी गंभीर बीमारियां चल रही है। जिसमें स्थितियां आने वाले समय में विकराल हो रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि निशांत सिंह उर्फ शनि न ही कोई डॉक्टर है न ही इस समय उनके नाम हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन आखिर वह हॉस्पिटल किसकी दम पर केशव हॉस्पिटल चला रहे हैं.

यह सोचने वाली बात है। हॉस्पिटल के सूत्र बताते हैं कि दलालों के माध्यम से यहां गंभीर से गंभीर पेशेंट रोज लाये जा रहे हैं। जिसमें दलालों का निजी फायदा हो रहा है। इस विषय में मुख्यचिकित्साधिकारी डा० नेपाल सिंह ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था किन्तु मामले की जांच ऐसी गंभीर परिस्थितियों में अवश्य कराई जायेगी।

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