के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। टाउन थाना क्षेत्र के आंबेडकर कालोनी मोहल्ला में एक दिन पूर्व घटित सुशील यादव हत्याकांड का पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने न सिर्फ कांड में संलिप्त दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है, बल्कि कांड में प्रयुक्त 7.64 एमएम का देसी पिस्टल व दो गोली भी बरामद कर लिया है। इसका खुलासा बुधवार को एएसपी हिमांशु ने प्रेस वार्ता में किया।
अभी तक करीब चार से पांच बदमाशों की संलिप्तता की बात सामने आई है। इसमें आंबेडकर कालोनी निवासी वीरा कुमार व मोती टोला निवासी विकास यादव को गिरफ्तार किया गया है। पुरानी दुश्मनी व अवैध धंधे की सूचना पुलिस को दिए जाने पर सुपारी देकर हत्या कराए जाने की बात सामने आ रही है। पकड़ा गया वीरा कुमार पहले अवैध कारबाइन के साथ भी गिरफ्तार हुआ था। एएसपी ने बताया कि कांड के.
उद्भेदन के लिए टीम गठित की गई थी। तकनीकी आधार व सूचना संकलन कर पहले वीरा राम को बक्सर से पकड़ा गया। बाद में उसकी निशानदेही पर आंबेडकर कालोनी स्थित मकान के छत पर छिपाया गया कांड में प्रयुक्त पिस्टल बरामद किया गया। साथ ही उसकी स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर मोती टोला से विकास को धर दबोचा गया। वीरा हत्या करने के बाद ट्रेन पकड़कर बक्सर में रिश्तेदार के पास चला गया था। बाद में लाइनर की गिरफ्तारी के लिए पटना के फुलवारी शरीफ में भी छापेमारी की गई। हालांकि, वे हत्थे नहीं चढ़ सके।
हत्या के लिए दी गई एक लाख रुपये की सुपारी-: पूछ ताछ में वीरा ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए पुलिस को बताया कि सुशील द्वारा उसके हथियार से लेकर हेरोइन के धंधे की सूचना पुलिस को दी जा रही थी। विकास व धर्मेन्द्र ने पूर्व की दुश्मनी के कारण एक लाख रुपये सुपारी दिए जाने की बात कही गई थी। इस दौरान अपने दो साथियों के साथ मिलकर सुशील की हत्या कर दी। समीर व विशाल नामक दो संदिग्धों की भी पुलिस को तलाश है।
पूर्व में 11 मार्च 2020 को मोती टोला में मारपीट व फायरिग की घटना घटित हुई थी। जिसमें राधिका देवी ने केस किया था। इसके बाद 24 सितंबर 2020 को धर्मेन्द्र ने अन्य के साथ मिलकर सुशील यादव को गोली मारी थी। जिसमें गोली लगने के बाद भी वह बच गया था। टीम में इंस्पेक्टर राम विलास चौधरी, दारोगा अविनाश कुमार व दारोगा अवधेश कुमार जवान धर्मेन्द्र, सुकेश, अविनाश व ब्रहमानंद पाठक समेत अन्य सिपाही शामिल थे।