ओवरलोड ट्रकों का बिना रोक-टोक के रहा परिचालन

के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। सरकार के निर्देश पर भी ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हाई-वे पर भी ओवरलोड वाहन बेफिक्र होकर दौड़ रहे हैं। इसके चलते सड़कें ध्वस्त हो रही हैं और राहगीरों की जान भी खतरे में है। ओवरलोड वाहनों के चलने से सरकारी राजस्व को भी चूना लग रहा है। बलिया-वाराणसी व गोरखपुर हाई-वे से रोजाना सौ से अधिक ट्रक निकलते हैं। इनमें से अधिकतर ट्रक ओवरलोड होते हैं।

ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए परिवहन मंत्री खुद मोर्चा संभाल चुके हैं। उन्होंने हाल ही में 15 ट्रकों का चालान किया था। इससे सड़कें भी खस्ताहाल होती जा रही हैं। मोटर मालिक भी अपने वाहनों को सड़क पर बिना रोकटोक दौड़ाने के लिए अधिकारियों से लेकर सफेदपोश नेताओं के खास बने हुए हैं। मिर्जापुर व सोनभद्र से गिट्टी लदे ट्रक सबसे अधिक आते हैं। ओवरलोड चलने वाले वाहनों की सेटिग होती है।

इस तरह के वाहन भोर में ज्यादा निकलते हैं। सरकारी अनाज ढोने वाले भी कम नहीं सरकारी अनाज ढोने वाले वाहन भी कम नहीं है। इन पर भी ओवरलोड ही सामान लदा होता है। वहीं सीमेंट लदा ट्रक भी मानक की अनदेखी करते है। अनाज सरकारी जरूर है, लेकिन वाहन निजी है। एआरटीओ विभाग इनकी जांच तक नहीं करता है। इसके पीछे कारण चाहे जो हो। इस भेदभाव से लोग हतप्रभ हैं।

ओवरलोड वाहनों के खिलाफ एक मई के बाद अभियान चलाया जाएगा। इसकी योजना बना ली गई है। मंडलायुक्त ने क्रास चेकिग का निर्देश दिया हैं, जिसमें एक जनपद के एआरटीओ दूसरे जिले में जाकर ओवर लोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सत्येंद्र कुमार यादव, एआरटीओ प्रशासन ओवरलोड वाहनों की समय-समय पर जांच की जाती है। मानक के खिलाफ मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होती है। हाई-वे पर भी वाहनों की चेकिग की जाती है।

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