ईपीएफओ कार्यालय में चार साल से जमे अफसरों को हटाने की तैयारी

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय कार्यालय में चार साल से कार्यरत अफसरों को चिह्नित किया गया है। दिल्ली बैठे केंद्रीय भविष्य निधि अफसरों ने कानपुर ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों को हटाने के लिए सूची बनानी शुरू कर दी है। उच्चाधिकारी ने मई माह के पहले पखवाड़े तक फेरबदल होने के संकेत दिए हैं। सीबीआइ की कार्रवाई में क्षेत्रीय कार्यालय से प्रवर्तन इंस्पेक्टर को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जाने के प्रकरण को केंद्रीय भविष्य निधि संगठन के अफसरों ने गंभीरता से लिया है। 25 अप्रैल को प्रवर्तन इंस्पेक्टर के पकड़े जाने के बाद से ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय में पारदर्शी कार्यप्रणाली को अमल में लाने के लिए सख्ती बरती जा रही है।

इंस्पेक्टर को पकड़वाने वाले जयपाल पहुंचे ईपीएफओ कार्यालय-: प्रवर्तन इंस्पेक्टर को तीन लाख की रिश्वत लेते हुए सीबीआइ से पकड़वाने वाले स्कूल संचालक जयपाल सिंह शुक्रवार दोपहर को सर्वोदय नगर स्थित ईपीएफओ कार्यालय में पहुंचे। जन सुनवाई प्रकोष्ठ में जयपाल सिंह को देख कर्मचारियों में एक बार फिर सीबीआइ टीम की छापेमारी की चर्चा तेज हो गई। सीबीआइ के डर से कर्मचारी अपनी फाइल सहेजने में जुट गए। शिकायतकर्ता जयपाल ने उच्चाधिकारियों से अपने पीएफ केस के बारे में प्रगति रिपोर्ट जानी। अधिकारी ने बताया कि अभी उनका केस सीबीआइ के पास है। इसलिए फिलहाल केस में कोई प्रगति संभव नहीं है।

क्षेत्रीय आयुक्त ने नाम संशोधन वाले केस सूचीबद्ध करने काे कहा-: ईपीएफओ कार्यालय में पंजीकृत पीएफ खाताधारकों के डाटा में नाम, जन्मतिथि, सेवा अवधि सहित अन्य बिंदुओं पर व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के केस सामने आ रहे हैं। क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम अमूल राज सिंह ने स्टाफ के साथ अलग अलग मीटिंग कर लंबित केस की प्रगति रिपोर्ट जानी। क्षेत्रीय आयुक्त ने मामूली व गंभीर त्रुटियों वाले केस की फाइलों को सूचीबद्ध करने के आदेश दिए। दो घंटे तक चली बैठक में क्षेत्रीय आयुक्त अमूल राज ने पीएफ धारकों की समस्याओं का जल्द समाधान करने व लंबित केस निपटाने की हिदायत दी।

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