Skip to contentके० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार जरूरतमंदों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास(ग्रामीण) योजना चला रही है। इधर, शहरी क्षेत्र में कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत आवंटित आवासों में दंबगों के सामने डूडा विभाग नतमस्तक हो गया है। हद तो यहां तक हो गई है कि आवास आवंटित कराकर 1000 से 1500 रुपये प्रति माह किराए पर दिया जा रहा है।
वर्ष 2010-11 में शहर में पुरानी जेल के पीछे, कुष्ठ रोग बस्ती, चकगोरया और जाफरपुर सहित कुल चार आवासीय कालोनी का निर्माण हुआ, जिसमें कुल 1500 घर बने हैं। आवासों की आवंटन प्रक्रिया शुरू से विवादों में रही। काफी संख्या में अपात्रों को आवास आवंटित कर दिया गया, जबकि आवेदन पत्रों का सत्यापन भी कराया गया। बहरहाल, समय-समय पर अवैध कब्जा व अपात्रों के विरुद्ध चले.
अभियान के बाद भी पुरानी जेल के पीछे की कालोनी में 58 लोग ऐसे हैं, जो अपात्र हैं और अपना आवास किराए पर या दूसरे को दे दिए हैं। चकगोरया में अवैध रूप से रह रहे या अपात्रों से कुछ आवास खाली कराए गए थे, जिन्हें बाद में जरूरतमंदों को आवंटित कर दिया। पुरानी जेल के पीछे की कालोनी में अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिह्नित किया गया, जिनके विरुद्ध जल्द कार्रवाई की जाएगी।
– अरविद कुमार पांडेय, पीओ, डूडा।