के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। हुक्का पीने के विवाद में गोविन्द की हत्या करने वाले उसके दोस्त बेहद शातिर थे। उसका गला घोंटने के दो दिन बाद आरोपित आदित्य ने गोविन्द से लूटे गए सोने को एक नामी गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रखकर 50 हजार रुपए ले लिए। छह दोस्तों ने विवाद के बाद नवाबगंज निवासी गोविन्द की हत्या 2-3 जुलाई की रात कर दी थी। उसे मारने से पहले उन्नाव के तीन एटीएम से 22 हजार रुपए.
निकलवाए। गोविन्द ने सोने का छल्ला और एक चेन पहनी थी, जिसे हत्यारोपितों ने लूट लिया। गोविन्द के हत्यारोपितों में से एक आदित्य ने लूटा गया सोना ठिकाने लगाने का जिम्मा उठाया। एक निजी बैंक में रिकवरी एजेंट आदित्य इंटर फेल है और गोविन्द के रेस्टोरेंट में काम कर चुके दीपक का दोस्त है। बैंक रिकवरी से जुड़ा आदित्य फाइनेंस के दांव-पेंच में माहिर है। इसीलिए उसने लूटे गए सोने को किसी सर्राफ को बेचने के बजाय गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रखने का विकल्प आजमाया।
विकास नगर की कंपनी से लिया लोन-: गोविन्द का कत्ल करने के दूसरे दिन यानी 5 जुलाई को आदित्य विकास नगर स्थित एक नामी गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में दोपहर 1:13 बजे पहुंचा। उसने कंपनी के कर्मचारी को सोने का छल्ला और चेन दिखाकर लोन के लिए आवेदन किया। अपने पहचान के रूप में आधार कार्ड और पैन कार्ड जमा किया। एक फोटो खींची गई। घर के पते में 57/1 जागेश्वर मंदिर रोडवेज कालोनी लिखाया।
17.5 ग्राम सोना गिरवी रखा, मिले 50 हजार-: शातिर आदित्य जानता था कि लूटा गया सोना दोबारा उठाने तो आना नहीं है इसलिए 28 फीसदी सालाना ब्याज दर पर केवल 90 दिन के लिए गोल्ड लोन लिया। सोने के दोनों पीसों का वजन 17.5 ग्राम था। शुद्ध वजन 15.4 ग्राम निकला। बाजार में इतने सोने की कीमत कम से कम 80 हजार रुपए होती है। लोन के रूप में आदित्य को 49982 रुपए दिए गए। ये रकम एक निजी बैंक के खाते में ट्रांसफर की गई। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 30 मिनट लगे। लूटे गए सोने को गिरवी रखकर मिली रकम को लेकर आदित्य फरार हो गया जिसे पांच जुलाई की रात को ही दबोच लिया गया।