गाजीपुर में कई वर्षो से नहीं हो रहे छोटे मरम्मत कार्य के टेंडर!

के० एस० टी०,गाजीपुर संवाददाता। पिछले लगभग चार वर्षों से बिजली विभाग में होने वाले छोटे-छोटे मरम्मत कार्यों का टेंडर नहीं हो रहा है। इन कार्यों के लिए ठेकेदार के न होने से न तो पेड़ों की टहनियों की छंटाई हो रही है और न ही ढीले तार व टेढ़े खंभे सीधे किए जा रहे हैं। इस कारण उपभोक्ता हर दस मिनट बाद बिजली ट्रिप होने का दंश झेल रहा है।

कहने के लिए 24 घंटे बिजली की सप्लाई का शासनादेश है पर ट्रिपिंग के कारण उपभोक्ता को 13 से 14 घंटे ही बिजली मिल रही है। विभाग द्वारा पहले एसी के स्तर से छोटे-छोटे कार्यों का टेंडर किया जाता था, इससे रिपेयरिंग का कार्य पूरे वर्ष चलता रहता था। पेड़ों आदि की छंटाई होती थी। अब यह सारा कार्य जेई व एसडीओ के जिम्में छोड़ दिया गया है कि.

वह अपने लाइनमैनों से यह कार्य कराएं। बजट के अभाव व लाइनमैनों की कमी से जेई व एसडीओ यह कार्य लंबे समय से नहीं करा रहे हैं। इससे अधिकतम ट्रांसफार्मर व तार पेड़ों की टहनियों के बीच में छुप गए हैं, इस कारण बरसात के महीने में जब तार पेड़ से टकराते हैं तो बिजली ट्रिपिंग की समस्या सबसे अधिक होती है।

 

तारों का यह हाल है कि हल्की सी हवा चली कि आपस में लपेट लेते हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित होती है। फाल्ट बार-बार मरम्मत करने के लिए शटडाउन लेना पड़ता है। ढीले तारों को बदलने के कार्य का टेंडर जल्द ही होने वाला है, टहनियों के छांटने व टूटे तारों आदि को मरम्मत करने की जिम्मेदारी लाइनमैनों को दी गई है। जहां भी पेड़ों में घिरे ट्रांसफार्मर या तार हैं उनकी सफाई कराई जाएगी, जिससे निर्बाध्विद्युत आपूर्ति की जा सके।

सीबी सिंह, अधीक्षण अभियंता

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