जन शिकायत पोर्टल की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह क्यों!

समाचार पत्र मालिक ने ही उठाये सवालिया निशान

लॉक डाउन में मछली मंडी खुले होने का मामला

आरोपी दरोगा को ही बनाया जांच अधिकारी

के० एस० टी०, कानपुर संवाददाता। सबसे शान्त कहा जाने वाला अनुशासित क्षेत्रों में शुमार अर्मापुर थाना क्षेत्र लॉक डाउन के दौरान सुर्खियों में आ चुका है। जिसमें तत्कालीन समय में विजय नगर स्थित मछली मंडी में बंदी के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी। जिसका खामियाजा स्थानीय पुलिस फजलगंज की स्थानी चौकी विजय नगर को आई०जी० के आकस्मिक दौरे के दौरान सहना पड़ा था।अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक इस फट कार के बाद दोनों थाना क्षेत्रो की पुलिस सीमा विवाद में भरी कस्टमरों की भीड़ देख आमने-सामने रही। आपको बताते चलें कि विजय नगर स्थित मछली मंडी लॉक डाउन के दौरान निरन्तर खुली रही जिसका समय-समय पर वीडियो वायरल होने के बावजूद निरंतर अर्मापुर पुलिस मीडिया को झूठा साबित करने में कोई कसर नही छोड़ती रही।

इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जन शिकायत पोर्टल के माध्यम से शिकायत संख्या 40016420017378 में नीरज सोनकर ने खुद शिकायत कर्ता बने। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस प्रार्थना पत्र के माध्यम से शिकायत कर्ता में उम्मीद जताई थी कि उसे न्याय मिलेगा किन्तु उससे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि इस लोग प्रिय जन शिकायत पोर्टल के माध्यम से इस मामले की जांच उसी थाने के उप निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार को दे दी गई।जिनके ऊपर लॉक डाउन के दौरान इस मछ्ली मंडी को आबाद करने की शिकायत थी। उन्ही से जांच कराकर इस विश्वसनीय पोर्टल की विश्वसनीयता को तोड़ा गया है। जिसमें वह अपनी पड़ताल में दिखा रहे है कि इस फर्जी मसले में जांच की कोई आवश्यकता ही नही है? आपको बताते चलें कि शिकायतकर्ता खुद भी एक समाचार पत्र कानपुर स्टार टाइम का मालिक है।उनसे ज्यादा साक्षर हैं। इसके अलावा संचार क्रांति का बड़ा विशेषज्ञ तो नही किन्तु बहुत अधिक नॉलेज रखते है। ऐसी सूरत में बस यही कहा जा सकता है कि इस तरह के जनहित वाले शिकायती पोर्टलों को इस तरह की जांचे देकर इसकी विश्वसनीयता पर क्यों उंगलियां उठाई जा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *