महिला होमगार्ड का नाम आते ही बदल कैसे गई पुलिस की जुबान!

जरीब चौकी रेलवे ट्रेक के किनारे मिली लाश का मामला

एस० एस० पी० के फोन के बाद ही थाने में प्रवेश देकर ली तहरीर

हत्यारोपी घूम रहे है पुलिस के संरक्षण में

हत्या में महिला होमगार्ड का नाम आते ही बैकफुट में क्यों आ गई पुलिस

के. एस. टी, कानपुर संवाददाता। कानपुर जरीब चौकी रेलवे ट्रैक के बाहर रविवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मिली 50 वर्षीय वृद्ध की लाश की शिनाख्त दर्शन पुरवा निवासी सुरेंद्र गुप्ता के रूप में हुई है पुलिस की प्रथम दृष्टया जांच में ही मृतक के आसपास के पड़ोसियों ने बताया कि महिला होमगार्ड चांदनी राजपूत और उसके भाइयों ने शनिवार को उसे सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था।

इस मामले में चांदनी व उसके परिवार का नाम आने के बाद फजलगंज पुलिस को सांप क्यों सूंघ गया? वरना वे उच्चाधिकारियों को बरगलाने में क्यों लगते ? घटनाक्रम के मुताबिक 119 / 501 दर्शन पुरवा निवासी 50 वर्षीय सुरेंद्र गुप्ता यहां पर अकेले ही किराए पर रहते थे। उनकी लाश रविवार की सुबह 7:00 बजे करीब जरीब चौकी व गुमटी के बीच रेलवे ट्रैक पर जीआरपी अनवरगंज को मिली थी।

जी आर पी के मुताबिक मृतक के मुंह जबड़े और सिर के पिछले भाग में चोटों के निशान थे इसके अलावा भी अन्य जगह चोटों के निशान थे। उससे प्रतीत होता है कि उन्हें वहां मारकर जल्दबाजी में रात्रि में हमलावर रेलवे ट्रैक मैं फेंकने की बजाय बाहर ही फेंक गये। हालांकि उनके पास पाए गए कुछ कागजों से ही जी,आर,पी को उम्मीद जागी की निश्चित तौर पर मृतक दर्शन पुरवा का रहने वाला है।

इस पर जी,आर,पी ने फजलगंज पुलिस को सूचना दे दी। जिस पर चौकी प्रभारी संतोष पांडे व सिपाही ने वहां जाकर पड़ताल की तो मोहल्ले वालों ने बताया कि शनिवार की रात्रि 8:00 8:30 बजे के करीब महिला होमगार्ड चांदनी राजपूत का भाई अनू राजपूत मृतक को पीट रहा था जिसमें वह थाने जाने की धमकी देकर बाहर निकला तो महिला होमगार्ड चांदनी राजपूत व उसके परिवार के लोग फिर उसे घर के अंदर खींच ले गए।

महिला होमगार्ड व उसके परिवार का नाम सुनकर चौकी प्रभारी व सिपाही वहां से चले गए। उधर प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों को स्थानीय थाना तोड़ मरोड़ कर यह कह करअधिकारियों व मीडिया को सफाई क्यों दे रहा है। कि मृतक व पड़ोस के युवक के बीच नशे बाजी को लेकर मारपीट हुई थी। किंतु हत्या नहीं हुई है वह खुद ही रेलवे ट्रैक पर चला गया होगा।

मृतक की बड़ी भाभी मधु गुप्ता को जब पता चला तो उसने थाने चौकी में सूचना दी, किंतु पुलिस वाले ने उनकी एक नहीं सुनी लाश मिलने के बाद भी स्थानीय फजल गंज थाना उन्हें अंदर आने की इजाजत नहीं दे रहा था। बाद में एसएसपी अनंत देव तिवारी के फोन करने के बाद उन्हें अंदर बुलाकर तहरीर तो ले ली किंतु मुकदमा दर्ज नहीं किया।

जबकि मृतक की भाभी ने महिला होमगार्ड के परिवार पर हत्या व लाश गायब करने की तहरीर दी है। किंतु पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है कहीं यह महिला होमगार्ड स्थानीय थाने के संपर्क में तो नहीं थी? जिससे फजल गंज थाना प्रभारी अमित तोमर हत्या की बात से इंकार कर रहे हैं।

गौरतलब हो कि मृतक सुरेंद्र गुप्ता दर्शन पुरवा में जहां रहता था। उसी गली के चंद फासले पर ही रेड जोन होने से बैरी केटिंग लगाकर रास्ता बंद किया गया था। जहां पुलिस तैनात थी।चौकाने वाली बात यह है कि बैरी केटिंग के चौराहे को पारकर चंद फांसले में सामने की गली में सुरेंद्र गुप्ता को महिला होमगार्ड व उसका परिवार बुरी तरह से पीटता रहा।

उसके बावजूद सुरक्षा में पुलिस क्यों नहीं आई ? यह सवालिया निशान फजलगंज पुलिस पर खड़ा है। पोस्टमार्टम के बाहर उपस्थित परिवार जनों की मानें तो जो व्यक्ति बिना चश्मे के एक कदम नहीं चल सकता था वह तकरीबन 500 मीटर रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंचा। दूसरी तरफ महिला होमगार्ड को किसी तरह का भय नहीं था।

तो उसकी बहन पोस्टमार्टम हाउस के अंदर क्या करने गई थी जिसकी चर्चा जोरदारी पर थी। हालांकि पोस्टमार्टम कराने आए दर्शनपुरवा चौकी प्रभारी संतोष पाण्डेय का कहना था कि हत्या रोपी की बहन यहां नहीं आई थी। यह मात्र अफवाह है।

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