स्वदेशी वैक्सीन को पहले चरण में सफल, दूसरे चरण का प्रयोग शुरू

के० एस० टी०,नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इसकी वैक्सीन को लेकर कई देशों से अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। दुनियाभर में 120 से ज्यादा वैक्सीन कैंडिडेट पर काम हो रहा है, जिनमें 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनकल ट्रायल फेज में हैं। वहीं, भारत, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन समेत कई देश वैक्सीन बनाने के काफी नजदीक पहुंच गए हैं।

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को दो देसी वैक्सीनों की प्रगति पर वैज्ञानिकों को शाबासी दी है। आईसीएमआर हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के साथ वैक्सीन बना रही है। वहीं, अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने भी अपनी वैक्सीन को लेकर बुधवार को बड़ी खबर दी है।

फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने बुधवार को कहा कि उसके प्रस्तावित कोविड-19 के टीके ‘जायकोव- डी’ के पहले चरण का चिकित्सकीय परीक्षण पूरा हो गया है और अब कंपनी छह अगस्त से इसके दूसरे चरण का लोगों पर चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करेगी।

कंपनी ने कहा है कि पहले चरण के चिकित्सकीय परीक्षण में जायकोव- डी को सुरक्षित और सहनीय पाया गया। कंपनी अब छह अगस्त 2020 से दूसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करेगी। कोरोना की देसी वैक्सीन की प्रगति की दिशा में यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने कहा कि पहले चरण में दी गई दवा में जायकोव-डी को सुरक्षित पाना महत्वपूर्ण पड़ाव है जिसे हासिल किया गया। उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिन लोगों पर भी चिकित्सकीय परीक्षण किया गया उनकी दवा देने के 24 घंटे तक चिकित्सा यूनिट में पूरी तरह देखभाल की गई। उसके बाद सात दिन तक उनकी निगरानी की गई जिसमें टीके को पूरी तरह सुरक्षित पाया गया।

पंकज पटेल ने कहा, ‘‘अब हम दूसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं और बड़ी जनसंख्या में इस दवा से होने वाले बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने की इसकी ताकत का मूल्यांकन किया जायेगा।’’

जायडस कैडिला को पिछले महीने उसके कोविड- 19 के उपचार के लिये तैयार टीके के मानव परीक्षण की घरेलू प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त हुई। देश दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच यह दूसरी भारतीय दवा कंपनी है जिसे सरकार की तरफ से परीक्षण की अनुमति मिली है।

इससे पहले भारत के पहली कोविड-19 टीके ‘कोवाक्सिन’ के परीक्षण की अनुमति भारत बायोटेक को दी गई। भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई सी एम आर) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर कोरोना वायरस के इलाज में संभावित रूप से काम आने वाले इस टीके को तैयार किया है।

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