कानपुर विकास प्राधिकरण से काफी सस्ती त्रियम रियल स्टेट की जमीनों पर खेल क्या?

100 गज जमीन मात्र चार लाख रुपये में देने का दावा

50 फीसदी पर ही रजिस्ट्री करने का लुभावना वायदा भी

महिला समेत तीन डायरेक्टरों का सारा खेल


के० एस० टी०,कानपुर। कानपुर स्टार टाइम का डंका अब नहीं बनेंगी कोई लंका शहर की रियल स्टेटों में त्रियम रियलस्टेट की तमाम आवासीय योजनाएं गंगा बैराज के एक समय के कटनी के गांवो में चल रही है। जिसमें एजेंटों के माध्यम से कस्टमरों को यहां लाकर ऐसे बातों के संजाल में फांस लिया जाता हैं।

मानो पॉच वर्ष में वे किराएदारी से सीधे महंगी बिल्डिंगों में रहेंगे। चौकांने की बात यह है कि इनकी प्लाटिंग कानपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं से इतनी अधिक सस्ती है कि आदमी फंसता ही चला जाता है। बहरहाल आगे क्या होना है बहुत ज्यादा रियलस्टेट पर मुकदमा ही तो होगा।

इससे ज्यादा तो कुछ नहीं होगा। उसके लिए उनके पास वकीलों की टीम पहले से ही तैयार रहती है। आपको बताते चलें कि विभिन्न तरह के विज्ञापनों के जरिये 118 विकास नगर (इलाहाबाद बैंक वाली गली) से त्रियम रियलस्टेट आर्गनाइज की जा रही हैं।

वर्तमान समय में ज्यादातर साइडे गंगा बैराज में चल रहे हैं। जिसमें एक है कम्पलीट प्रोजेक्ट निर्मल कुंज फेस वन, रनिंग प्रोजेक्ट निर्मल कुंज फेज टू, गंगाकुंज लाइन सिटी, अम्बेडकर साइड आपके पास भी हैं। विज्ञापनों में एजेंटों के द्वारा पहुंची होंगे।

जिसमें इनकी 100 गज की किस्तो वाली प्लाटिंग की कीमत 4 खाख रुपये है। जिसने 5 साल की किश्ते बांधी जाती है। जिसमें स्टेट किसी भी तरह के ब्याज का दावा नही करती है किन्तु यह जमीन तभी मिलेंगी जब आप पाँच साल किश्ते दे ले।

उसके बाद वह जमीन कहां मिलेगी। इसमें ही सारा खेल होता है उसके बाद स्टेट की दूसरी योजना तय अमाउंट का 50 फीसदी देकर रजिस्ट्री करने की भी योजना है। जिसके लिए कम्पनी के डायरेक्टर शरद रंजन यादव, पंकज शुक्ला, ममता यादव ही रजिस्ट्री करते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि उसी के सामने या कुछ दूरी पर कानपुर विकास प्राधिकरण की योजनाएं ऐसी सूरत में कौन लेना चाहेगा। जो काफी महंगी है बहरहाल अभी अन्य इस्टेटों की तरह यहां सिर्फ प्लाटिंग है।

रजिस्ट्री कराकर मकान बनाने वाले अभी नहीं है। सोसाइटियों ने मंदिर जरूर आकर्षण के लिए बनवाए हैं। आप किस तरह से ठगी होगी यह तो समय की शर्त में है।

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