गंगा बैराज के कटरी खनन स्थल

टेंडर लेने वाली बराबर की पाटर्नर महिला कहां?

◆ निर्धारित जगह पर ही हो रहा है बालू खनन या अन्य जगहों पर

◆ दूसरे रास्ते से तो निकाल दिये जाते बालू लदे ट्रक

◆ एक माह में ही गहरी-गहरी खाइयां है गंगा तट पर


के० एस० टी०,कानपुर नगर। गंगा बैराज से कुछ दूरी पर बालू खनन स्थल अब ठेकेदार के आदमियों की निजी प्रॉपर्टी बना हुआ है। सुरक्षा के ऐसे इंतजाम इन लोगों ने मुख्य स्थल पर कर रखे हैं कि खनन स्थल में इनकी हरी झंडी दिये बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो बालू खनन के ठेके में एक मिश्रा परिवार के साथ बराबर की.

हिस्सेदार एक महिला भी है किन्तु खनन स्थल पर सिर्फ मिश्रा की टीम ही मौजूद रहती है। जबकि महिला व उसके लोग क्यों नही आते हैं? यह एक रहस्य बना हुआ है। आपको बताते चलें कि बालू खनन के घाट में अगर किसी भी तरह की लापरवाही होती है तो इसका सीधे-सीधे जिम्मेदार मिश्रा के साथ महिला भी होगी। ऐसी सूरत में महिला की ओर से किसी का न आना.

यह दर्शाता है कि क्या वह टेंडर लेने के बाद इतनी लापरवाह है कि यहां की आमदनी या किसी भी तरह की लापरवाही से उनका कोई मतलब नहीं है? क्या उन्होंने ठेका लेने के बाद अपनी भी सारी जिम्मेदारी लिखा पढ़ी में मिश्रा को सौंप रखी है? इस तरह के सवाल खनन के जानकारों के बीच उठते रहते है। उल्टा चुप्पी साधने में ही अपने भलाई समझता है। बताया जाता है कि.

खनन स्थल के मुख्य द्वार में लकड़ी के बांस से उठाने-गिराने वाले गेट तीन चार जगह लगे हैं। ट्रक को रोकने में यह गिरा दिये जाते हैं। इसी तरह सी० सी० टी० वी० के मरे सिर्फ लोगो की निगरानी के लिए लगे हैं। खनन स्थल पर पता नहीं अब तक किस तरह की पड़ताल हुई हैं। मात्र एक माह में पूरे स्थल के आसपास से जिस तरह से खुदाई करके बालू निकाली गई है।

उससे जगह-जगह गहरी गहरी कुएं नुमा खाइयां बन चुकी है। इसी तरह की खुदाई आगे के महीनों में होती रही तो आसपास इतनी गहरी खाइयां हो जाएंगी की गंगा के पानी का अपने मार्ग पर रहना मुश्किल हो जायेगा। इसके अलावा खुदाई स्थल कहां से कहां तक है खुदाई कहा हो रही हैं। चिन्हाकन जरूरी है। निर्धारित बालू लदे ट्रकों की निकासी के और कोई बंदोबस्त तो नही है यह जांच का विषय है।

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