फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश

के० एस० टी०,नई दिल्ली संवाददाता। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी सरकारी से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते थे और रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर लोगों से तीन हजार रुपये वसूलते थे, जबकि सरकारी साइटों पर रजिस्ट्रेशन फ्री होता है।

जीईएम में रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को आमंत्रित करते थे। आरोपी गूगल सर्च में अपनी वेबसाइट को सबसे ऊपर रखने के लिए गूगल को मोटी रकम देते थे। आरोपी अब तक करीब 4000 लोगों से 1.20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अन्येश रॉय के अनुसार, एक सजग नागरिक ने सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि.

उसने एक सरकारी साइट ई-मार्केटप्लेस की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट किया। हूबहू सरकारी की तरह दिखने पर भरोसा हुआ। उसने एक व्यापारी के नाम पर खुद का पंजीकरण कराया था। रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर उससे 2999 फीस भी ली गई। बाद में पता चला कि सरकार द्वारा कोई फीस नहीं ली जाती है। इस तरह उसके जालसाजी की गई।

मामला दर्ज कर एसीपी रमन लांबा की देखरेख में एसआई सुनील सिद्धू, एसआई मनीष व हवलदार कुलतारन की टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि जीईएम रजिस्ट्रेशन के नाम पर इस तरह की और भी फर्जी वेबसाइट चल रही हैं। फर्जी वेबसाइटों के डिजिटल ट्रेल और मनी ट्रेल की पहचान की गई। इसमें पाया गया कि.

वेबसाइट फर्जी पंजीकरण शुल्क अलग-अलग डिजिटल माध्यम से लिया जा रहा है। पता चला कि वेबसाइट का सर्वर विदेश में है। एसआई सुनील सिद्धू की टीम ने उत्तम नगर निवासी यश शर्मा, तुषार नैयर, अनुराग चुग और सूरज वर्मा को उत्तम नगर से गिरफ्तार कर लिया। यश शर्मा इन फर्जी वेबसाइट से जुड़ा था और उसने 2500 लोगों से 65 से 70 लाख की ठगी की है।

बाकी तीनों आरोपी ओआरजी साइट से जुड़े थे। ये करीब 1600 पीड़ितों से 35 से 40 लाख रुपये ठग चुके हैं। लोगों से ठगी करने के बाद ये पीड़ितों का ब्योरा सरकारी साइट पर भी डाल देते थे, ताकि उन्हें ठगी का एहसास न हो। इनके लैपटॉप करीब चार हजार लोगों का डाटा मिला है। आरोपियों के पास से 12 मोबाइल और तीन लैपटॉप बरामद हुए हैं। इनके तीन बैंक खातों को सीज करा दिया है।

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