कोरोना की तीसरी लहर का डेल्टा प्लस वैरिएंट 50 गुना अधिक घातक

के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी में जुटी सरकार की चिंता कोरोना वायरस के बदले रूप डेल्टा प्लस वैरिएंट ने बढ़ा दी है। डेल्टा प्लस पुराने वायरस से 50 गुना अधिक घातक और संक्रमण फैलाने वाला है। देश के महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 से अधिक केस मिल चुके हैं। रविवार सुबह दिल्ली में भी एक केस मिला। वायरस के बदले रूप से देशभर के माइक्रो बायोलाजिस्ट चिंतित हैं।

उनकी सलाह है कि वायरस की गंभीरता कम करने का एक ही उपाय अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराना है। इसलिए लोग स्वयं एवं अपने स्वजन की सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन जरूर कराएं। देश में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रहा है। इसकी वजह वायरस का नया रूप शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली को चकमा देने में कामयाब हो रहा है। वहीं देश में डेल्टा वैरिएंट के मई 2021 में 10.31 फीसद केस थे, वह 27 जून तक बढ़कर 51 फीसद तक पहुंच गए हैं।

 

तिग्रस्त कर रहा फेफड़े-: डेल्टा प्लस वैरिएंट फेफड़े की कोशिकाओं से मजबूती से चिपक कर उन्हें क्षतिग्रस्त करने लगता है। देश-दुनिया में अभी तक उपलब्ध कोरोना का इलाज, दवा और वैक्सीन इस वैरिएंट पर प्रभावहीन हैं। इलाज में कारगर बताई गई मोनोकोनल एंटी बाडी काकटेल भी वायरस के इस रूप पर असरहीन साबित होने लगी है।

 

वैक्सीन की एंटीबाडी को चकमा-: वायरस का यह नया रूप कोरोना की वैक्सीन से बनी एंटीबाडी को भी चकमा देने में कामयाब हो रहा है। वैसे जिन्होंने वैक्सीनेशन करा लिया, वह भी इसकी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद बनी एंटीबाडी इस वायरस का संक्रमण होने पर पांच गुना तक कम हो जा रही है।

 

यह है स्थिति-: महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु में नौ, मध्य प्रदेश में आठ, केरल में तीन, गुजरात में दो, पंजाब में दो, जम्मू और कश्मीर में एक, ओडिसा में एक, राजस्थान में एक, आंध्र प्रदेश में एक, कर्नाटक में एक एवं दिल्ली में एक केस मिला है। नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट की जानकारी के लिए 35 राज्यों के 174 जिलों से सैंपल एकत्र कराए थे। इसमें पाया कि जनसमूह में अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा व बी-1.617 रूप पाया गया। इसमें सबसे कम केस गामा के पाए गए।

इन वैरिएंट के इतने केस
-अल्फा के 3,969 केस
-बीटा के 149 केस
-गामा का 01 केस
-डेल्टा और बी-1.617 के 16,238 केस

 

इसका पालन है जरूरी
– आमजन कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करें।
– मास्क जरूर लगाएं, शारीरिक दूरी बनाकर रखें।
– देश में कोरोना वैक्सीनेशन की गति बढ़ाना जरूरी है।
– जहां डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला, वहां तत्काल रोकथाम के उपाय किए जाएं।
– भीड़ को रोकना और आपस में मिलने जुलने पर पाबंदी भी जरूरी है।

– कोरोना वायरस के नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए अधिक से अधिक सैंपलिंग कराई जाए। कांटेक्ट ट्रेसिंग गंभीरता से कराई जाए, ताकि वायरस की चेन तोड़कर पाजिटिव केस कम किए जाएं। देश भर में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के सेंटर बढ़ाए जाएं, जिससे संक्रमण को रोका जा सके।

 

– डा० विकास मिश्रा, प्रोफेसर माइक्रो बायोलाजी विभाग जीएसवीएम

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