पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे पर जल्द बनेगा औद्योगिक क्लस्टर

के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। प्रदेश की राजधानी को पूर्वांचल के जिलों को जोड़ने वाले देश के सबसे बड़े पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे नौ जिलों में रोजगार की गंगा बहाने की भी कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आजमगढ़ में औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए पांच स्थानों पर भूमि चिह्नित कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। पूर्वांचल के जिलों की लाइफ लाइन.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे जिले के सठियांव, बिजरवा बिलरियागंज, सेहदा, चकिया मुतकल्लीपुर व सोमा अतरौलिया में पांच-पांच एकड़ किसानों की भूमि चिह्नित की गई। जिले के यह प्रमुख स्थान हैं जहां वाराणसी वाया आजमगढ़ होते हुए लुंबिनी एनएच-233, गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को इंटरचेंज करते हैं, लोग यहीं से बसों में चढ़ते और उतरते हैं।

मंदुरी एयरपोर्ट से उड़ान सोने पर सुहागा
एनएच-233 का सेहदा में क्रास करने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के समीप ही मंदुरी एयपोर्ट है। यहां से उड़ान शुरू हो जाने के बाद आजमगढ़ ही नहीं पूर्वांचल के कई जिलों के लिए यह सोने पर सुहागा साबित होगा। औद्योगिक गतिविधियों के लिए एक्सप्रेस-वे व मंदुरी से उड़ान बहुत ही फायदेमंद साबित होगी।

 

दिल्ली के उद्योगपतियों को इंडस्ट्री लगाने में आसानी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे चालू होने के बाद दिल्ली तक के उद्योगपतियों को यहां इंडस्ट्री लगाने में आसानी होगी। वे आसानी से सात से आठ घंटे में यहां पहुंच जाएंगे। पूर्वांचल के लोग इंडस्ट्री लगाने के लिए बाहर जाते थे, लेकिन उन्हें जमीन अब एक्सप्रेस-वे के किनारे ही प्राप्त हो जाएगी।

मुबारकपुर की बुनकरी को मिलेगा बढ़ावा
रेशमी साड़ी के लिए मशहूर आजमगढ़ के मुबारकपुर का हथकरघा व लघुउद्योग के रूप में पहचान है। आद्योगिक गलियारा स्थापित होने के बाद बुनकरों के लिए यहां अत्याधुनिक मशीनों वाले उद्योग लग सकेंगे। एक जिला, एक उत्पाद में चयनित होने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बुनकरों के लिए संजीवनी साबित होगी।

इन जिलों की भी बदल जाएगी तस्वीर
लखनऊ के चांद सराय गांव से गाजीपुर के हैदरिया गांव तक 340.82 किमी लंबे सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक विकास से पूर्वांचल के जिलों की तस्वीर बदल जाएगी। लखनऊ के साथ-साथ बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या(फैजाबाद), अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर जिला लाभान्वित होंगे। किसानों से क्रय की जाने वाली भूमि के संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। आदेश मिलते ही अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

-हरीशंकर, मुख्य राजस्व अधिकारी।

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