के० एस० टी०,(नई दिल्ली) संवाददाता।रविवार को पता चलेगा कि संसद में मुद्दों के आधार पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के कितने दल कांग्रेस की मुहिम के साथ आए हैं। संसद भवन की एनेक्सी में रविवार को विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई गई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में विपक्ष के प्रमुख नेता और संसद में सक्रिय रहने वाले नेता हिस्सा लेंगे।
उम्मीद की जा रही है कि 20 से अधिक छोटे–बड़े़ दलों के नेता इस बैठक में आएंगे। यह बैठक सर्वदलीय बैठक के तत्काल बाद होगी। मुद्दों के आधार पर विपक्षी दलों की एकजुटता के प्रयास राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़़गे कर रहे हैं। वह आश्वस्त हैं कि उनकी मुहिम रंग लाएगी। विपक्ष की बैठक के सिलसिले में शनिवार को खड़़गे से.
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश और मनीष तिवारी ने मुलाकात की। उनकी वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश से भी बात हुई है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़़गे बराबर विपक्ष के नेताओं से कह रहे हैं कि कोरोना में बदइंतजामी‚ बैक्सीन की कमी‚ पेट्रोलियम पदार्थों के ऊंचे दाम सहित कई मुद्दे हैं‚
जिन पर जनता की पीड़़ा को संसद में प्रभावी ढंग से रखे जाने की जरूरत है। उनका स्पष्ट मानना है कि जब मुद्दों की भरमार हो‚ तो संसद के दोनों सदनों में विपक्ष को एक सुर में सरकार को कटघरे में खड़़ा करना चाहिए। बताया जा रहा है कि खड़़गे खुद रक्षा उत्पादन इकाईयों में हड़़ताल पर रोक के मुद्दे को लेकर संसद के भीतर काफी आक्रामक रहने वाले हैं।
पूर्व श्रम मंत्री रहने से खड़़गे इस बात से वाकिफ हैं कि सरकार क्यों रक्षा उत्पादन इकाईयों में हड़़ताल पर रोक वाला विधेयक लाना चाहती है और इससे भारत के श्रमिक आंदोलन पर क्या असर पड़े़गा। उन्हें लगता है कि इस मुद्दें पर श्रमिक संगठनों को अकेले छोड़़ देना देशहित में नहीं है‚ यह बात उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को भी समझाई है।
इसी प्रकार से किसानों की कृषि कानून रद् करने की मांग और उनके आंदोलन को नजरंदाज किए जाने के मुद्दे पर भी खड़़गे ने विपक्षी नेताओं से कहा है कि इसे भी संसद में जोर–शोर से उठाना होगा। आंदोलनकारी किसान नेताओं ने विपक्षी दलों को पत्र लिखकर अपने मुद्दो की याद भी दिलाई है और वह संसद सत्र में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन भी करना चाहते हैं।