आजमगढ़ चक्रपानपुर में बेजुबानों के साथ अंधेरे में रहते हैं इंसान

के० एस० टी०,आजमगढ़/चक्रपानपुर संवाददाता। सरकार व प्रशासन द्वारा गो-आश्रय स्थल की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का दावा भले ही किया जाता रहा हो, लेकिन हकीकत इससे इतर है। किशुनपुर ग्रामसभा में बनाए गए गो-आश्रय स्थल का हाल कुछ ऐसा ही है। यहां के 184 पशुओं को पानी के लिए एक सबमर्सिबल पंप लगा है,

 

लेकिन विद्युत कनेक्शन के अभाव में वह बेकार पड़ा है। इतने पशुओं के लिए हैंडपंप से पानी की व्यवस्था करने की कठिनता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। पशुओं की देखरेख करना काफी मुश्किल हो रहा है। बिजली के अभाव में पशुओं के साथ वहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को भी अंधेरे का सामना करना पड़ता है।

पूर्व डीएम के समय सुधरी थी व्यवस्था, प्रधान-: किशुनपुर की ग्राम प्रधान रेनू सिंह के पति अजय सिंह का कहना है कि पूर्व जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह के समय यहां की व्यवस्था चाक-चौबंद हो गई। उनकी पहल पर यहां पशुओं के लिए तीन टीन शेड, चार चरही, एक बड़ा भूसा बैंक, एक छोटा भूसा स्टोर, दो हैंडपंप तथा एक सबमर्सिबल की व्यवस्था की गई थी।

विद्युत कनेक्शन के लिए भी संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया था, लेकिन उनके रिटायर होने से समस्या बनी रह गई। कहाकि एक साथ 184 पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। गो-आश्रय स्थल से लगभग 400 मीटर दूर से विद्युत सप्लाई गांव और क्षेत्र को दी गई है।

प्रधान पति ने बताया कि उनकी पहल पर खंड विकास अधिकारी जहानागंज ने अधिशासी अभियंता से विद्युत कनेक्शन के लिए 31 अगस्त 2020 को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था। दोबारा रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन अभी तक इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।

 

वर्जन-: जिला स्तरीय विभागीय बैठक में उच्चाधिकारियों के समक्ष गो-आश्रय स्थल पर खंभा गाड़कर विद्युत कनेक्शन देने की बात कही गई, लेकिन अभी तक किन परिस्थितियों में विद्युत सप्लाई नहीं हुई, समझ से परे है। विद्युत कनेक्शन के अभाव में गो-आश्रय स्थल पर होने वाली समस्याओं को महसूस किया जा सकता है।

-डा. गुरुदेव मौर्या, प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी, जहानागंज।

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