कानपुर के हुमैद ने छिपाये हैं असलहा और विस्फोटक

दिल्ली स्पेशल सेल के रिमांड़ पर लिये गये आतंकियों से हुआ खुलासा


के० एस० टी०,कानपुर नगर संवाददाता। दिल्ली में पकड़े़ गये आतंकियों ने स्पेशल सेल द्वारा रिमांड़ में लेकर की गयी पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है। आतंकियों के अनुसार विस्फोटक का इंतजाम करने और उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी कानपुर के एक साथी के पास थी। यह जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल‚ यूपीएटीएस‚ एसटीएफ इस आतंकी साथी की तलाश में जुट गयी है। एटीएस कानपुर की टीम भी दिल्ली पूछताछ करने के लिए पहुंच गयी है।

एटीएस अपने साथ इस आतंकी साथी के परिवार के सदस्यों को भी साथ ले गयी है। दिल्ली में पकड़े़ गये आतंकियों को दिल्ली स्पेशल सेल ने रिमांड़ पर लेकर पूछताछ करके इस खुलासे के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। एटीएस का मानना है कि भले ही छह आतंकी पकड़़ लिये गये हों‚ लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। ओसामा उर्फ शामी के चाचा हुमैद उर रहमान अपने कई साथियों के साथ फरार है। यह कानपुर या आसपास के जिलों में हो सकते हैं। हुमैद के खिलाफ दिल्ली की स्पेशल सेल ने.

रेड़ कार्नर नोटिस भी जारी कर दिया है। स्पेशल सेल का मानना है कि कानपुर और आसपास दूसरे माडयूल हो सकते हैं। अनुमान है कि आईएसआई ने इन आतंकियों को कुछ और काम भी सौंपा है। खुफिया एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि प्रयागराज में पकड़़ा गया जीशान जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के सम्पर्क में था। जीशान और दिल्ली में पकड़े़ गये ओसामा से पूछताछ में यह पता चला है कि उन्हें पाकिस्तान के कैम्प में ट्रेनिंग दी गयी है। जिसके बाद खुफिया और अलर्ट हो गयी है।

वहीं कानपुर में पिछले दो सालों में पाकिस्तान व सऊदी अरब गये लोगों का ड़ाटा भी खंगाला जा रहा है। एजेंसियों का मानना है कि जो सीड़ीआर आतंकियों की निकली है‚ उसमें शामिल कई नम्बर इन लोगों के हो सकते हैं या यह वह लोग भी हो सकते हैं जो आतंकियों के करीबी हों। आतंकियों को लेकर एजेंसियां कोई भी चूक नहीं करना चाहती हैं‚ जिसके चलते लखनऊ से आमिर और कानपुर से हुमैद के परिवार वालों को भी दिल्ली ले जाया गया है। पहले दिन की पूछताछ में बताया गया है

कि कहां–कहां त्योहार के दौरान क्या–क्या करने की योजना थी‚ ट्रेनिंग में कौन–कौन शामिल था और ट्रेनिंग में क्या–क्या सिखाया गया है। कानपुर‚ लखनऊ और अन्य जनपदों में कौन–कौन आतंकियों का मददगार है। किस जिले की कब–कब रेकी की गयी और रेकी के दौरान कौन मददगार था।

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