कई राज्यों में भूसे का उत्पादन प्रभावित

गेहूं की फसल पर इस बार मौसम के पड़े प्रभाव का असर भूसे के उत्पादन पर पड़ा है। इससे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में इसकी मांग की तुलना में कमी हो गई है। ऐसी स्थिति में पंजाब व हरियाणा ने जहां भूसे के उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भेजे जाने पर रोक लगा दी है, वहीं उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश ने राजस्थान में सप्लाई रोक दी है। ऐसे में राजस्थान में तो पशुओं के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया। दूसरा, भूसे की कमी के चलते ज्यादातर राज्यों में इसकी कीमत में भी उछाल आया है।

राजस्थान के पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने बेसहरा गायों के प्रबंधन के लिए चारे की बढ़ती जरूरत को देखते हुए अन्य राज्यों में चारे की आपूर्ति रोकी है। दरअसल, फरवरी मध्य के बाद से लेकर मार्च व अप्रैल के पहले सप्ताह में पड़ी गर्मी से गेहूं का दाना पतला और छोटा रहने से ज्यादातर राज्यों में उपज कम हुई। दूसरा, जनवरी और फरवरी में हुई बारिश से गेहूं के पौधे की ऊंचाई भी नहीं बढ़ पाई, जबकि इन्हीं महीनों में यह बढ़ती है। पंजाब में इस कारण भूसे की पैदावार में करीब 50 प्रतिशत कमी आई है।

पैदावार कम होने व राजस्थान के व्यापारियों द्वारा पंजाब से इसे खरीद कर स्टोर करने के कारण इसके दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। भूसा इस सीजन में पहले 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका था, इस समय 400 से 700 सौ रुपये में बिक रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर प्रदेश से बाहर भेजने पर रोक-: उत्तर प्रदेश में अमूमन इस मौसम में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिकने वाला भूसा इस समय एक हजार से 1100 रुपये की दर से बिक रहा है। आने वाले समय में इसके दाम और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच मथुरा में गोशाला संचालकों ने डीएम नवनीत सिंह चहल से मुलाकात कर समस्या बताई और जानकारी दी कि अधिकांश भूसा राजस्थान जा रहा है। डीएम ने भूसे के जिले से बाहर जाने पर रोक लगा दी और पुलिस को प्रदेश की सीमा पर तैनात कर दिया। पंजाब और हरियाणा ने भी लगाया प्रतिबंध उत्तर प्रदेश के मेरठ और आसपास के जिलों में पंजाब और हरियाणा से भारी मात्रा में भूसे की आवक होती थी, लेकिन इस बार इन दोनों राज्यों ने अन्य राज्यों में भूसा भेजने पर रोक लगा दी है।

 

 

 

 

 

 

 

म0प्र0 सरकार ने सीमा पर तैनात की पुलिस-: भूसे की कमी के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने तो राजस्थान सीमा पर बाकायदा पुलिस तैनात कर दी है। राजगढ़ और बैतूल के कलेक्टरों ने तो बाकायदा आदेश जारी कर भूसा राजस्थान भेजने पर रोक लगा दी है। राजस्थान की इस गोशाला में चार दिन का ही चारा राजस्थान गोशाला समिति के अध्यक्ष अतुल गुप्ता का कहना है कि इस बार राज्य में किसानों ने गेंहू के स्थान पर सरसों और जीरे की फसल अधिक की है। इस कारण चारे की पैदावार एक तिहाई कम हुई है।

ऐसे में प्रदेश में चारे की कीमत पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई है। जयपुर स्थित ¨पजरापोल गोशाला में तीन हजार से ज्यादा गायें हैं, लेकिन यहां चारा मात्र चार से पांच दिन का बचा है। दौसा में गोशाला संचालक रतन लाल का कहना है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से चारा नहीं आने के कारण प्रदेश में चारे की कीमत में 12 से 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। पिछले साल तक यह छह रुपये किलो मिलता था।

 

 

 

 

 

 

राजस्थान के मंत्रियों का आरोप-: राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया का आरोप है कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों के नकारात्मक रुख के कारण प्रदेश के पशुओं के लिए आने वाले समय में चारे का ज्यादा संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमेशा पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से प्रदेश के गोशाला संचालक और किसान चारा मंगवाते थे, लेकिन इस बार पंजाब में चारा माफिया सक्रिय हो गए।

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