योजना में अगर होता शामिल तो बदल जाती आंधीपुर गांव तालाब की सूरत

के० एस० टी०,आजमगढ़ संवाददाता। वर्षों पहले आंधीपुर गांव में बना तालाब उपेक्षा का शिकार हो गया है। पूरा तालाब जलकुंभी की चपेट में होने से धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है। तालाब की सफाई न कराए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की, तो ग्रामीणों में उम्मीद जगी कि आठ बीघा क्षेत्रफल में फैले इस तालाब का चयन होगा और इसकी सूरत बदल जाएगी, लेकिन योजना में चयनित नहीं हो सका।

विकास खंड पवई के आंधीपुर गांव में स्थित तालाब का अस्तित्व जलकुंभी के कारण समाप्ति की ओर है। कभी लोग इसमें स्नान के बाद दिन की शुरुआत करते थे, लेकिन अब यह स्नान करने लायक भी नहीं बचा है। जलकुंभी को इसे व्यवस्थित करने का प्रयास ही नहीं आ रहा है। सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए लगातार नए तालाब और पोखरी का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं पुराने तालाब और पोखरी की सफाई पर.

लगातार जोर दिया जा रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है। ग्रामीणों के अनुसार तालाब की सफाई का कार्य काफी दिनों से नहीं कराया गया है। इस तालाब के निर्माण के बाद से कभी पानी नहीं सूखा। शुरुआती दौर में इस तालाब की गहराई काफी अधिक थी। विभागीय उदासीनता के चलते धीरे-धीरे गहराई और क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। यही हाल रहा तो वर्षों पुराना तालाब अपना अस्तित्व खो देगा।

आंधीपुर गांव में दो बड़े तालाब हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे अमृत सरोवर योजना के तहत इनका चयन किया जा सकता है। कुछ दिन पहले इस तालाब का अमृत सरोवर योजना के तहत सर्वे किया गया था। ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी कि अब इस तालाब का कायाकल्प हो जाएगा। सचिव ग्राम पंचायत आंधीपुर इंद्रेश यादव ने बताया कि सर्वे हुआ था, लेकिन फाइनल नहीं हुआ।

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