धीमी पड़ी अमृत सरोवरों की खोदाई

के० एस० टी०,गाजीपुर संवाददाता। अमूमन 18 जून के बाद मानसून दस्तक दे देता है, लेकिन यहां मनरेगा से बनने वाले अमृत सरोवर की खोदाई की रफ्तार काफी धीमी है। पांच अमृत सरोवरों की पड़ताल में एक का अभी तक काम भी शुरू नहीं हो सका है। कासिमाबाद ब्लाक के ग्राम पंचायत नगवा, सुरवत व मलिकपुरा और बाराचवर ब्लाक के ग्राम पंचायत नेवादा, कमेसड़ी, पातेपुर, सालरखान, खड़हरा व बाराचवर में सरोवर की खोदाई व सुंदरीकरण कार्य होना है।

नगवा, सुरवत व मलिकपुरा में जियो टैग व मस्टरोल बन गया है। सुरवत व मलिकपुरा गांव में काम शुरू हो चुका है। नगवा ग्राम पंचायत के साधापुर में अभी काम शुरू नहीं हुआ है। खंड विकास अधिकारी कासिमाबाद प्रमोद कुमार गुप्ता ने बताया कि बहुत जल्द नगवा में भी कार्य शुरू हो जाएगा। खंड विकास अधिकारी बाराचवर शिवांकित वर्मा ने बताया कि ब्लाक में चयनित सभी छह अमृत सरोवरों में काम हो रहा है। नगवा ग्राम पंचायत में शुरू नहीं हुआ कार्य:

नावा ग्राम पंचायत के साधापुर में 22 मंडा क्षेत्रफल में अमृत सरोवर बनाने के लिए जियो टैग व मस्टरोल बनाया गया है। लेकिन अभी काम शुरू नहीं हुआ है। 24 लाख रुपये की लागत से कार्य होना है। ग्राम पंचायत में कुल 700 जाब कार्ड धारक हैं। मलिकपुरा में धीमी गति से हो रहा काम : मलिकपुरा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे 6300 मीटर क्षेत्रफल में 24 लाख रुपये की लागत से कार्य होना है। पोखरे की जमीन इतनी कड़ी हो गई है कि मजदूरों को खोदाई में कठिनाई आ रही है।

गांव 642 जाब कार्ड धारक में 57 मजदूर काम कर रहे हैं। सुरवत में सबसे बड़ा अमृत सरोवर: ब्लाक में बन रहे तीन अमृत सरोवरों में सबसे बड़ा रकबा सुरवत गांव के सरोवर का है। जहां 32 मंडा क्षेत्रफल में 24 लाख रुपये की लागत से कार्य हो रहा है। 600 जाब कार्ड धारकों में से मात्र 60 मजदूर लगे हुए हैं। कमसड़ी में काम शुरू: ग्राम पंचायत कमसड़ी में तीन बीघा क्षेत्रफल में बन रहे अमृत सरोवर का कुछ ग्रामीणों ने शुरू में अपनी जमीन तालाब में बता कर विरोध किया,

जिन्हें बाद में ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक ने समझा बुझाकर काम शुरू कराया। खोदाई का उद्घाटन 12 मई को बीडीओ शिवांकित वर्मा ने किया था। 30 लाख की लागत से हो रहे निर्माण में 105 मजदूर लगे हैं। पूरे गांव में 450 जाब कार्ड धारक हैं। सालरखान में पैमाइश के बाद अमृत सरोवर का काम शुरू : सलारखान गांव में कुछ ग्रामीणों ने अमृत सरोवर का विरोध किया था, जिसके लिए शुक्रवार को राजस्व विभाग की टीम ने तालाब की पैमाइश की।

उसके बाद 18 मंडा क्षेत्रफल में अमृत सरोवर की खोदाई शुरू हो गई। यह काम छह दिनों से चल रहा है। 350 जाब कार्ड धारकों में से मात्र 76 मजदूर लगे हैं। यह निर्माण 35 लाख से कराया जा रहा है।

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